हरदोई। वेदों की शिक्षा को आत्मसात कर अतीत में अनेक आदर्श महापुरुष एवं ऋषि आदि उत्पन्न हुए। उनमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम एवं भगवान श्री कृष्ण अग्रणीय हैं।
शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में १२:३० बजे चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) को रखकर शंखनाद के साथ वेद मंदिर का उद्घाटन किया गया। वेद मंदिर के संस्थापक व वरिष्ठ नेचरोपैथ डॉ० राजेश मिश्र ने कहा कि भगवान राम ने वशिष्ठ जी के आश्रम में वेदों का अध्ययन किया था और बाद में यज्ञ रक्षा हेतु महर्षि विश्वामित्र, उन्हें अपने साथ ले गए थे। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्होंने वेदों को देखा तक नहीं, पढ़ना तो दूर की बात है। उन्होंने आग्रह किया कि वेदों का अध्ययन सभी को करना चाहिए। वेदों का ज्ञान महत्त्वपूर्ण है। वेद प्रचार के लिए वेद मंदिर का निर्माण किया गया है। कहा हजारों लोग कायाकल्पकेन्द्रम् में आकर वेदों का दर्शन कर सकेंगे। राम जैसा पुत्र चाहने वालों को वेदों की ओर लौटने की सीख दी।
अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर अखिलेश वाजपेई ने कहा कि वेद धर्म का मूल है। कहा पवित्र स्थल पर वेद मंदिर की स्थापना कर वेदों के माध्यम से हम धर्म के तत्व को समझेंगे।
शंखनाद डॉ सरल कुमार, डॉ वीरेश शुक्ल, रेखा गुप्ता और दीपाली ने किया। डॉ श्रुति दिलीरे, डॉ अभिषेक पाण्डेय, नन्द किशोर सागर, शिवकुमार, गोविन्द गुप्ता, सोनू गुप्ता, श्रीओम पाण्डेय, यज्ञेश पाण्डेय, महा सिंह, उत्कर्ष और अनन्या गुप्ता उपस्थित रहे।