हरदोई -सड़क पर घूमने वाले आवारा मवेशी एक बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं।दिन पर दिन बढ़ती इनकी तादाद चिंता का विषय भी बन गई है।सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों से सबसे ज्यादा परेशान किसान है।किसान रात-रात भर खेत में आवारा मवेशियों से रखवाली करते हुए नजर आ जाते हैं।एक ओर तापमान दिन पर दिन कम हो रहा है इन सब के बीच किस सर्द रातों में खेत की रखवाली करने को मजबूर है। किसान व किसान संगठन लगातार शासन प्रशासन से सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को आश्रय स्थल भिजवाने की मांग कर चुका है।शासन द्वारा भी सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को पकड़वाकर गौ आश्रय स्थल भेजने के निर्देश जिम्मेदारों को दिए हैं। हाल ही में जिम्मेदारों ने बताया कि 60% मवेशी स्थाई व अस्थाई आश्रय में संरक्षित कराए गए हैं लेकिन धरातल पर ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। हरदोई में आवारा मवेशियों से परेशान किसानों ने आक्रोशित होकर मवेशियों को गांव में बने आदर्श सचिवालय में बंद कर दिया हैं। किसानों का कहना है कि मवेशी लगातार उनके खेत को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे कि उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मार्ग भी किया बाधित
हरदोई में हाल ही में जिलाधिकारी द्वारा सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों की धर पकड़ के लिए कंट्रोल रूम के नंबर जारी किए थे।जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कहा था कि सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं की जानकारी इन टोल फ्री नंबर पर दें।इसके बाद संबंधित विभाग इन आवारा पशुओं को पड़कर गौ आश्रय स्थल में संरक्षित करने का कार्य करेगा। लेकिन जिलाधिकारी के आदेशों की जनपद में जमकर अवहेलना हो रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा भी निर्देश के बाद भी अब तक सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया नहीं जा सका है ।आवारा पशु दिन पर दिन किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं जिसके चलते आज विकासखंड बावन के ग्राम पंचायत तेरिया में किसानों ने परेशान होकर लगभग दो दर्जन से अधिक आवारा पशुओं को आदर्श सचिवालय में बंद कर दिया।किसानों ने आवार मवेशियों के आतंक से परेशान होकर जगदीशपुर शाहाबाद मार्ग को भी बाधित कर दिया था। किसानों ने कहा कि यह पशु लगातार उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही पशु अब उनके घरों में भी घुस जाते हैं जिससे उनके घरों में रखे सामान को भी नुकसान पहुंचता है। सरकार द्वारा कोई भी प्रबंध आवारा पशुओं के लिए नहीं किया जा रहा है।गौ आश्रय स्थल पर अवस्थाओं के चलते पशु एक तरफ जहां पकड़ कर जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ से यह पशु वापस गांव में आ जाते हैं। गांव वालों का आरोप है कि शहर से भी कुछ पशु गांव में छोड़ दिए जाते हैं जिसके चलते दिन पर दिन उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन यदि सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़ कर आश्रय स्थल में संरक्षित करने का कार्य नहीं करता है तो वह इसी तरह आवारा पशुओं को पड़कर सरकारी कार्यालय में बंद करने का कार्य करेंगे।