रिपोर्ट: हरि कृष्ण बीरू
हरदोई की बिलग्राम तहसील के बीके सिंह मेमोरियल हॉल में रविवार को अधिवक्ता दिवस धूमधाम से मनाया गया। भारत के राष्ट्रपति व भारत रत्न से सम्मानित डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिवस पर बिलग्राम तहसील के बिलग्राम बार एसोसिएशन में अधिवक्ता दिवस मनाया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता जाबिर हुसैन खान तथा संचालन मकबूल अहमद फारूकी ने किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एसडीएम बिलग्राम सजीव ओझा तथा अतिथि तहसीलदार अमित यादव ,नायब तहसीलदार ज्योति वर्मा, मुकेश चौधरी रहे।
इस मौके पर बिलग्राम बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता डी.के. द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस पर भारत भर में अधिवक्ता दिवस होता है डॉ राजेंद्र प्रसाद प्रथम राष्ट्रपति के साथ संविधान समिति के अध्यक्ष भी थे इन सबके पूर्व वह अधिवक्ता रहे और वकालत विश्व भर में अत्यंत सम्माननीय और गरिमामय में पेशा है स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों ने जमकर लोहा लिया है स्वतंत्रता ही नहीं अपितु जब स्वतंत्रता मिली और नए भारत को अभिनव का समय आया तब भी अधिवक्ताओं की महत्ता बनी रही।उसके बाद अधिवक्ता फैय्याज वारसी ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता न्यायालय के अधिकारी हैं कभी-कभी वह न्यायाधीश से उच्च स्तरीय प्रतीत होते हैं क्योंकि संपूर्ण न्याय व्यवस्था का भार इन अधिवक्ताओं के कंधों पर है अगर अधिवक्ता न हो तो भारत की जनता को न्याय मिलना असंभव सा हो चले विधि शासन को बनाए रखने में अधिवक्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है व्यक्ति के अधिकारों के अतिक्रमण होने पर न्यायालय की ओर रुख करता है और न्यायालय का रास्ता वकील के मार्गदर्शन में ही पाया जाता है। साथ ही उन्होंने अधिवक्ताओं से डॉ राजेंद्र प्रसाद के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की।विशिष्ट अतिथि एसडीएम संजीव ओझा ने बार व बेंच के बीच समन्वय को त्वरित न्याय के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि बार व बेंच एक सिक्के के दो पहलू हैं। जनता के हित के लिए सभी सदस्यों की बातें सुनकर इसके लिए कार्य करने को कहा। अतिथि तहसीलदार अमित यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बार-बार बेंच एक दूसरे के पूरक है इसीलिए दोनों में सामान्य से जरूरी है दोनों के आपसी सहयोग से ही न्याय प्रक्रिया को उसके सही मुकाम तक पहुंचा जा सकता है। और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें जितना सामंजस्य बिलग्राम तहसील में मिला है उतना अन्य कहीं नहीं। नायब तहसीलदार बिलग्राम ज्योति वर्मा ने अपने संबोधन में सबसे पहले अधिवक्ताओं को अधिवक्ता दिवस की बधाई दी और साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के अधिवक्ताओं से हमे बहुत कुछ सीखने को मिला है साथ ही यह भी कहा कि बार-बार बेंच के बीच सामंजस्य जरुरी है न्याय की बात तब आती हैं।जब उत्पीड़न होता है लेकिन न्याय व बेंच के बीच की कड़ी बनते हुए अधिवक्ता वास्तविक न्याय की कड़ी को आगे बढ़ता है।उसके बाद नायब तहसीलदार मल्लावां मुकेश चौधरी ने सभी अधिवक्ताओं को अधिवक्ता दिवस की बधाई दी और सभी से बार और बेंच के बीच सामंजस्यता को सराहा। इस दौरान बिलग्राम बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्तागण मौजूद रहे।