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यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय बोले, सदन में भी जनता की बात नहीं सुनना चाहती है योगी सरकार

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय बोले, सदन में भी जनता की बात नहीं सुनना चाहती है योगी सरकार

लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जनहित के तमाम मोर्चों पर विफल योगी सरकार विधानसभा में भी जनता के सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है और विधानसभा की नियमावली का उल्लघंन कर सदन की कार्यवाही मात्र तीन दिन में निपटाने की औपचारिकता निभा रही है। राय ने पार्टी के प्रदेश दफ्तर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि योगी सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। और दुर्भाग्य यह है कि यह अब सदन चलाकर उस पर बात भी नहीं करना चाहती। तीन दिन सदन चलाकर जनता की समस्त समस्याओं को विपक्ष के माध्यम से सदन तक नहीं आने देना चाहते। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य नीति आयोग की स्वास्थ्य पर एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 19 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश का स्थान 18वां है। यानि इनकी अपनी एजेन्सियां मानती हैं कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। स्वास्थ्य विभाग की दुर्दशा का आलम यह है कि आठ नवम्बर को औरैया में अपनी बहन का शव एक भाई को मोटरसाइकिल से ले जाना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग की बदहाली का आलम यह है कि इनके अपने सांसद मुकेश राजपूत ने फरूर्खाबाद में खराब स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए। उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार में 5000 चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। उन्होने कहा कि गन्ना पेराई का नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन पिछला भुगतान भी किसानों को पूरा नहीं मिल पाया है, जबकि नियमतरू गन्ना मिल में जाने के 14 दिनों के अन्दर भुगतान हो जाना चाहिए। राय ने कहा कि गन्ना क्रय एवं धान क्रय केन्द्र पूरी तरह से भ्रष्टाचार और अराजकता का शिकार हो चुके है। पूरे प्रदेश में डी.ए.पी. और यूरिया की भारी किल्लत है, जिसके चलते खाद की कालाबाजारी चरम पर है। किसानों को लाइनों में लगकर खाद लेनी पड़ रही है जिस पर भी उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। प्रदेश में बढ़ते हुए अपराधों पर चिन्ता जाहिर करते हुये उन्होने कहा कि एनसीआरबी के हाल में आये आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराध दर भारत के राज्यों में सबसे अधिक है। पूरे भारत में होने वाले अपराधों में 15.4 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश में होते हैं। पूरे भारत में साइबर क्राइम के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नम्बर पर है। अभी पिछले हप्ते उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने निर्देश जारी करते हुए स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में कानून व्यवस्था चिन्ताजनक है। एनसीआरबी के ही आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों में वृद्धि हुई है। कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधानसभा में जाति जनगणना के सवाल पर झूठ बोलकर पिछड़ों को धोखा देने का काम किया है। जबकि सच्चाई यह है कि बिहार सरकार के खिलाफ केन्द्र सरकार की गुहार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था कि राज्य सरकार जाति गणना करा सकती है। चौधरी ने यह भी कहा कि सदन में योगी आदित्यनाथ की पिछड़ा विरोधी सरकार बेनकाब हो गयी। प्रदेश के पिछड़े समाज से योगी आदित्यनाथ और सदन में गलत तथ्य रखने वाले मंत्री सूर्य प्रताप शाही को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं के हितों का दावा करने वाली योगी सरकार में 69 हजार शिक्षक भर्ती के नौजवान पिछले 535 दिनों से धरने पर बैठें हैं और सरकार ने उनके दमन का कोई भी तरीका छोड़ा नहीं है। चौधरी ने कहा कि यूपी विधानमंडल में लागू हुए नए नियमों के अनुसार सदन दस दिन से कम नहीं चल सकता और योगी सरकार ने खुद ही यह नियम चार दिन सदन चलाकर तोड़ दिया। इससे यह जाहिर होता है कि यह लोग नियमों को लेकर कितने गंभीर हैं।

सुधांशु मिश्र

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