रिपोर्ट: हरीकृष्ण ‘वीरू’
हरदोई के बिलग्राम कस्बे में दीपावली के त्योहार को लेकर बाजारों में जहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दुकानें सजी हुई हैं, वहीं अपना पुस्तैनी व्यवसाय कर अपने परिवार की जीविका चलाने वाले कुम्हार भी इन दिनों मिट्टी के दिए, प्याली और भुरके आदि बर्तन बनाने में व्यस्त हैं। योगी सरकार द्वारा मिट्टी के लिए तलाब का आवंटन होने के बाद अर्से बाद इनके चेहरे खिले हुए हैं।
त्योहार पर घरों में खुशियों के दीपक जलें इसके लिए बिलग्राम कस्बे में आधा दर्जन से अधिक परिवार अपना पुश्तैनी धंधा कर रहे हैं। पहले मिट्टी के लिए कुम्हारों को परेशान होना पड़ता था,ऊंचे दामों पर मिट्टी खरीदनी पड़ती थी। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कुम्हारी कला बोर्ड के गठन के बाद इन्हें तलाब का आवंटन हुआ है जिसके बाद मिट्टी से निर्मित तरह- तरह के खूबसूरत बर्तन बना रहे हैं।
कुमारी कला से जुड़े लोगों ने बताया कि इस कला को उन्होंने अपने पिता से बचपन में सीखा था। उन्होंने परिवार के भरण पोषण के लिए अपना पुश्तैनी धंधा अपनाते हुए मिट्टी के बर्तन बनाना शुरू कर दिया। शिवराम प्रजापति के मुताबिक दो दशक पहले करवा चौथ, दीपावली और भैया दूज आदि त्योहारों पर मिट्टी के बर्तनों की काफी धूम होती थी इसके अलावा शादी आदि मांगलिक कार्यों में भी लोग बढ़ चढ़कर मिट्टी के बर्तन खरीदते थे लेकिन आज के इस आधुनिक युग में धीरे-धीरे मिट्टी से निर्मित बर्तनों से लोगों का मोह भंग होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका एक कारण यह भी था कि मिट्टी ऊंची कीमत पर खरीदनी पड़ती थी जिसके चलते लागत बढ़ जाती थी, केकिन अब मिट्टी निःशुल्क़ मिलने से कीमत सामान्य हैं और अब उम्मीद है कि अच्छी बिक्री होगी।