हरदोई। जिले के शाहाबाद कस्बे में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा संचालित हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर में जच्चा बच्चा की मौत होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। परंतु स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इन अस्पताल संचालकों के प्रति आंख मूंदे बैठा है। बीती रात ऑपरेशन के दौरान एक नवजात बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने हंगामा काट दिया। अस्पताल संचालक के खिलाफ पीड़िता ने शाहाबाद कोतवाली में तहरीर दी है। शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला उधरनपुर निवासी विमला ने अपनी प्रसूता बहू मंजू पत्नी छुटक्के को सीएचसी शाहबाद में आशा बहू पिंकी के माध्यम से भर्ती कराया था। परंतु थोड़ी देर बाद आशा बहू पिंकी ने तबीयत बिगड़ने का बहाना बताकर पाली रोड स्थित निजी अस्पताल A1 हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर में भर्ती कर दिया। विमला के अनुसार वहां एक अप्रशिक्षित नर्स ने अपने को अस्पताल की डॉक्टर बताते हुए तेजी से और लापरवाही से इलाज शुरू कर दिया। रात्रि में उसकी बहू मंजू की हालत बिगड़ने लगी तो तकरीबन आज 9:00 बजे रात्रि को मंजू का बड़ा ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन से पैदा बच्ची की तुरंत मौत हो गई। विमला के अनुसार उसने अपनी बहू को डिस्चार्ज करने के लिए जब डॉक्टर से कहा तो डॉक्टर ने डिस्चार्ज करने से मना कर दिया। ₹12,000 पहले जमा करने के बाद डॉक्टर डिस्चार्ज के नाम पर 16,500 और मांग रहा है। पीड़ित विमला का आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ कह रहा है कि अगर पैसे जमा नहीं किये तो तुम्हारी बहू को डिस्चार्ज नहीं करेंगे और बहू को भी मार डालेंगे। पीड़ित विमला शाहाबाद कोतवाली पहुंची और एवं हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ शाहाबाद कोतवाली में तहरीर दी है। इससे पूर्व इस अस्पताल में इलाज के दौरान एक और महिला की मौत हो चुकी है। अस्पताल का संचालन झोलाछाप डॉक्टरों के हाथ में है जबकि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन क्वालिफाइड डॉक्टरों की डिग्री पर कराया गया है। ऐसे तमाम हॉस्पिटल शाहाबाद में संचालित किये जा रहे हैं जो झोलाछाप डॉक्टरों के संचालन में धड़ल्ले से चल रहे हैं और उनका रजिस्ट्रेशन क्वालिफाइड डॉक्टरों के नाम से कराया गया है । लेकिन यह क्वालिफाइड डॉक्टर कभी भी इन अस्पतालों में दिखाई नहीं पड़ते। फिलहाल ऐसी घटनाओं के प्रति स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मौन धारण किए हुए हैं।