भारत के कोने-कोने में शारदीय नवरात्र को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।कोलकाता, महाराष्ट्र, गुजरात समेत उत्तर प्रदेश में भव्य दुर्गा पंडाल लगाए जाते हैं साथ ही मां दुर्गा का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। भारत में पूरे साल कोई ना कोई धार्मिक आयोजन होते रहते हैं।नवरात्र साल में दो बार मनाया जाते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म के लोग अपनी आस्था के फल स्वरुप नवदुर्गा में उपवास रखते हैं।इस दौरान श्रद्धालु फलाहार का सेवन करते हैं।हालांकि कुछ श्रद्धालु पूरे नवदुर्गा का उपवास रखते हैं जबकि कुछ श्रद्धालु पहले व आखरी उपवास रखते हैं। इस उपवास के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद श्रद्धालु कन्या भोज करा कर उपवास पूर्ण करते हैं।मां दुर्गा के व्रत पुरुष, महिलाएं व बच्चे रखते हैं लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र के व्रत कुछ खास देखने को मिले हैं।हरदोई की जिला कारागार में बंद हिंदू धर्म के अलावा दूसरे धर्म के लोगों ने भी नवदुर्गा के उपवास रखे हैं वही प्रदेश की सरकार द्वारा हरदोई जिला कारागार में बंद बंदियों के विषय में कारागार प्रशासन से जानकारी मांगी गई है।जिला प्रशासन द्वारा कारागार में रहकर नवरात्र का उपवास रखने वाले बंदियों की जानकारी शासन को भेजी है। कारागार प्रशासन द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष जिला कारागार में बंद बंदियों के उपवास को लेकर शासन स्तर से जानकारी मांगी जाती है जिस क्रम में यह जानकारी शासन को उपलब्ध कराई गई है।
180 बंदी रखे है उपवास
कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार द्वारा मांगी गई सूचना के संदर्भ में जिला कारागार हरदोई द्वारा शासन को भेजी गई आख्या में बताया गया कि शारदीय नवरात्र के उपवास 15 अक्टूबर से शुरू हुए हैं जिसमें जिला कारागार में बंद बंदियों में से 254 पुरुष व 24 हिंदू महिलाओं ने उपवास रखा जबकि अन्य धर्म के दो लोगों ने उपवास रखा, 16 अक्टूबर को 175 पुरुष व 13 महिला हिंदू बंदियों ने उपवास रखा जबकि अन्य धर्म के दो बंदियों ने उपवास रखा, 17 अक्टूबर को 165 पुरुष व 13 महिला हिंदू बंदियों ने उपवास रखा जबकि दो अन्य धर्म के बंदियों ने उपवास रखा 18 अक्टूबर को 165 पुरुष व 13 महिला हिंदू बंदियों ने उपवास रखा वही दो अन्य धर्म के बंदियों ने उपवास रखा।जिला कारागार के जेलर संजय सिंह ने बताया कि जिला कारागार में महिला पुरुष को मिलाकर कुल 180 बंदी ज़िला कारागार में नवरात्रि के उपवास रखे हुए हैं।बंदियों के उपवास के दौरान उनके खाने-पीने का विशेष प्रबंध किया जाता है।साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।बंदियों को उनके उपवास के अनुरूप भोजन दिया जाता है। उपवास रखे हुए बंदियों से श्रमिक कार्य नहीं कराया जाता है यदि कोई बंदी इस दौरान कार्य करना चाहता है तो वह कर सकता है।जेल प्रशासन की ओर से उपवास रखें बंदियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।उपवास रखे बंदी कारागार में बने मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना करते है