शाहाबाद हरदोई। मात्र दो महीने भी नहीं चल पाये कोतवाल ब्रजेश कुमार राय। भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार की जा रही उपेक्षा उनके तबादले का कारण बनी। अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम रहने वाले प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार राय कोतवाली में आने वाले हर पीड़ित शिकायतकर्ता को पहले ही बिठाकर 151 का मुजरिम बनाकर चालान कर देते थे। आरोपी को बाद में पकड़वाना उनकी फितरत में शामिल था। शिकायत लेकर थाने में आने से फरियादी डरने लगे थे। क्योंकि शिकायत लेकर आने वाला पहले 151 का अपराधी बन जाता था और उसे प्रताड़ित करने वाला दूसरा पक्ष बाद में। बृजेश कुमार राय की 151 वाली कार्यशैली से शाहाबाद सीएचसी के अधीक्षक भी ऊब चुके थे। डॉक्टरी करते-करते उन्होंने प्रभारी निरीक्षक से कम मात्रा में 151 करने की गुजारिश भी की लेकिन अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुए बृजेश कुमार राय लगातार 151 करते रहे। जितनी संख्या में महिलाओं पर 151 की कार्रवाई की गई शायद उतनी किसी भी प्रभारी निरीक्षक के कार्यकाल में नहीं हुई। क्योंकि प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार राय का मानना था कि महिलाएं ही लड़ाई थी जड़ होती हैं। अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुए। चाहे लूटपाट के मामले हो या चोरी के मामले हो इन सभी मामलों में प्रभारी निरीक्षक ने वर्कआउट करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जितने भी केस में वर्कआउट हुआ है उनमें क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार मिश्रा का अधिक सहयोग रहा। इसके अतिरिक्त आने वाले फरियादियों, पक्ष विपक्ष, के कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया भी अच्छा नहीं रहा। सत्ता दल पार्टी के एक कार्यकर्ता एक समस्या को लेकर उनके सामने आए क्षेत्रीय विधायक और मंत्री की सिफारिश के बाद भी प्रभारी निरीक्षक द्वारा कोई तवज्जो नहीं दी गई। परिणाम यह हुआ की लगातार हो रही शिकायतें इकट्ठी हो जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की अपेक्षा बृजेश कुमार राय पर भारी पड़ गई। उन्हें शाहाबाद के प्रभारी निरीक्षक पद से हटाकर साइबर सेल में भेज दिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पड़ी महंगी
