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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम कार्यक्रम आयोजित हुआ

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम कार्यक्रम आयोजित हुआ

🔹सशक्त निर्णय और सशक्त नेतृत्व से होता है देश में अभूतपूर्व परिवर्तन: सिंह

हरदोई।”एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर प्रबुद्ध समागम कार्यक्रम का आयोजन नगर के जे.के पब्लिक स्कूल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने एवं मुख्य अतिथि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने अपने विचारों को प्रबुद्ध वर्ग के साथ साझा किया।

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में प्रबुद्ध वर्ग की अहमियत के विषय पर कहा कि देश में जब भी कोई बड़ा विचार स्थापित करने का प्रयास होता है तो उसका समर्थन और प्रतिकार करने का दायित्व देश के प्रबुद्ध वर्ग का होता है। प्रबुद्ध वर्ग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में सैकड़ों हजारों और लाखों लोगों का उठना बैठना और मिलना होता है। उनके विचार समाज कल्याण के लिए होते है। 

कहा कि 2014 में प्रबुद्ध वर्ग ने देश में एक सशक्त नेता के विचारों का समर्थन किया। प्रबुद्ध वर्ग का वह निर्णय दिखाता है कि सशक्त निर्णय और सशक्त नेतृत्व मिल जाए तो समाज और देश में अभूतपूर्व परिवर्तन तय है, विकास की अविरल गंगा का बहना तय है।

कहा कि आज हम सब के सामने वक्फ बिल, कॉमन सिविल कोड और एक राष्ट्र एक चुनाव का गंभीर विषय खड़ा हुआ है। इन विषयों पर जहां विपक्ष एक तरफ भ्रांतियों पैदा कर देश को बाटने में लगा हुआ है, ऐसे में हम सब का दायित्व बनता है कि समाज के प्रत्येक नागरिक तक इन विषयों के लाभ गिनाए जाए। यह विषय खत्म हुए “धारा 370” से कही कम नही है, जिसका समाधान हो गया तो भारत की आर्थिक, सामाजिक प्रगति में एक बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। बताया कि एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा भारत में नयी नहीं है। संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद, 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए गए थे। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित किए गए थे। यह परंपरा इसके बाद 1957, 1962 और 1967 के तीन आम चुनावों के लिए भी जारी रही। भारत में शासन को सुव्यवस्थित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को उसके अनुकूल बनाने करने की आकांक्षाओं को देखते हुए “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में उभरी है जिसके लिए गहन विचार-विमर्श और आम सहमति की आवश्यकता है।

भारत सरकार ने 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव कराने पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य यह पता लगाना था कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराना कितना उचित होगा। समिति ने इस मुद्दे पर व्यापक स्तर पर सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं मांगीं और इस प्रस्तावित चुनावी सुधार से जुड़े संभावित लाभों और इसकी चुनौतियों का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श किया।

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर बोलते हुए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। कहा कि समाजवादी विचारधारा के दिवगंत जननायकों को यह देख  आघात पहुंचता होगा कि कैसे उनके राजनैतिक उसूलों को आज के समाजवादियों ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए उसकी धज्जियां उड़ा दी। वही दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी जो आज संविधान की दुहाई देते नहीं थक रहे और अपनी हर जेब में संविधान की एक प्रति रखे घूमते फिरते है। इन्हीं के शासनकाल में है 1951 में नेहरू शासनकाल में सत्ता को बचाने को पहला संशोधन लाया गया। और इसके बाद संशोधनों की झड़ी लगा दी। गुपचुप तरीके से ऐसे ऐसे संशोधन लाए गए जिसमें देश के लोकतंत्र और उसकी संप्रभुता को भरी चोट पहुंची। मकसद सत्ता हथियाना और अपने वोट बैंक को खुश रखना।

जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव भारत की नई पीढ़ी का उज्ज्वल भविष्य तय करेगी। हजारों लाखों करोड़ जो चुनाव में खर्च होते है, वह धनराशि देश के युवा वर्ग के विकास में खर्च होगी। इससे भारत विश्व मानचित्र पर एक सशक्त आर्थिक देश के रूप में उभर सकता है। हमारा आपका अमूल्य मत हम सबके और आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेगा। 

कार्यक्रम में निवर्तमान जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र ने कहा कि बौद्धिक वर्ग का यह समागम देश में सकारात्मक विचारों की एक बड़ी लकीर खींचने का कार्य करने जा रही है। देश का हर वर्ग ऐसे मुद्दों पर अपने मुखर विचार रखने को आकुल है क्योंकि पीएम मोदी के शासनकाल में देश और नागरिकों के विषय पर जो भी फैसले हुए उसमें प्रत्येक नागरिक के विचारों की सहभागिता रही। इसलिए भारत में एक सशक्त समाज का निर्माण हुए जिसने सशक्त नेतृत्व को चुना और उस नेतृत्व ने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व लगा दिया। देश आज जिस विकास यात्रा पर चल पड़ा है उसमें और गति लाने के लिए हमे बचे हुए निर्णायक मुद्दों को भी उनके गंतव्य तक पहुंचना होगा। 

कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण शास्त्री, राजीव रंजन मिश्र, प्रोफेसर वी डी शुक्ला, उपाध्यक्ष कर्मवीर सिंह, संयोजक जिला महामंत्री सत्येंद्र राजपूत, सह संयोजक अविनाश मिश्रा, आर आर इंटर कॉलेज प्रबंधक कीर्ति सिंह, जिला उपाध्यक्ष संदीप सिंह, प्रीतेश दीक्षित, मंत्री नीतू चंद्रा, जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक, प्रचार मंत्री संदीप अवस्थी, सह मीडिया प्रभारी परेश गुप्ता, सत्यम शुक्ल, सोशल मीडिया संयोजक प्रद्युम्न मिश्रा, अनुराग श्रीवास्तव, महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका गुप्ता, डॉ चित्रा मिश्रा, अनुपमा सिंह, नगर अध्यक्ष मुदित बाजपेई, निधि सिंह, अंकित पांडे, शुभम्, पंकज सिंह, आशीष शुक्ला, बॉबी गुप्ता, एनजीओ संयोजक मुकुल सिंह, अनुराधा मिश्रा, चेतना शुक्ला , पारिशा तिवारी, प्रियंका सिंह आदि उपस्थित रहे।

सुधांशु मिश्र

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