शाहाबाद हरदोई। ‘अन्धा बांटे रेवड़ी पुनि अपने को देहि’ की कहावत चरितार्थ करते हुए एक ग्राम प्रधान ने अपने सगे भाई , भतीजों के जाब कार्ड बनाकर मनरेगा योजना में अपनों को ही रेवड़ी बांट डाली। विकास खंड शाहाबाद की ग्राम पंचायत परेली के ग्राम प्रधान सुधीर पाल के कारगुजारियों की लिस्ट भी सामने आ गई है। इस प्रधान ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को कामधेनु बना लिया। अपने सगे भाई भतीजों व अन्य परिजनों के जाब कार्ड बनाकर बिना काम किए लाखों रूपया मजदूरी बांट कर लाभान्वित कर डाला। कालेज में पढ़ने वाले अपने सगे भतीजे सौरभ पाल को जाब कार्ड संख्या UP30-029-052-003/1028, गौरव पाल को UP30-029-052-0003/1030 जारी कर बिना काम किये ही मजदूरी भुगतान कर खेल कर दिया। यहां पर सवाल उठता है कि कालेज छात्रों ने मनरेगा में कालेज छोड़कर कब काम किया, यह तो ऊपर वाला ही जान सकता है। इतना ही नहीं अपने भाई सुभाष पाल , विनोद पाल समेत दर्जनों परिजनों को मनरेगा योजना से लाभान्वित कराकर नियम विरुद्ध काम किया है। पहाड़पुर से लेकर गौंटिया,बरगदिया होते हुए कुरसेली तक फैली ग्राम पंचायत में विकास की फेहरिस्त पर नजर डालें तो कागजों में इस प्रधान ने लगभग 70 से 75 काम करायें है लेकिन धरातलीय स्थिति एकदम विपरीत है। बहुत से काम जमीन पर उतारे बिना ही पैसे निकाल लिये गये। इस प्रधान द्वारा आर आर सी सेंटर गांव से करीब 3 किमी दूर बनाकर उसके मकसद पर पानी फेर दिया जबकि गांव के किनारे तमाम जमीन मौजूद हैं। उन जमीनों पर अवैध कब्जा कराया गया है। परेली ग्राम पंचायत में कागजों में विकास की गंगा बहाकर आंकड़ो की जादुगरी तो की गयी लेकिन धरातलीय स्थिति संतोष जनक दिखाई नहीं दे रही है। जमीन पर जो काम कराया गया है, वह मानकों के विपरीत बताया जा रहा है। गांव के विकास में चाहे मानक न भी हो लेकिन प्रधान ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़े। यदि प्रशासन द्वारा गम्भीरता से इस ग्राम पंचायत की जांच कराई जाये तो घोटालों का पिटारा खुल सकता है।
परेली के ग्राम प्रधान ने घर में ही बना डाले जाब कार्ड
