दिल्ली में बीती रात प्लेटफार्म के अचानक बदल जाने से मची भगदड़ से 18 लोगों की मौत के बाद रेल प्रशासन सतर्क हो गया है।रेल प्रशासन की ओर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के प्लेटफार्म को ना बदलने को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दिल्ली में हुए हादसे के बाद प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। हरदोई से प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में यात्री प्रयागराज के लिए रवाना हो रहे थे। हरदोई से प्रयागराज के लिए जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को चढ़ाने में उतारने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हरदोई के रेल अधिकारी भी प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को बैठाने को लेकर प्रतिदिन जुटे रहते हैं। हरदोई से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या इतनी अधिक है कि हरदोई पहुंचने वाली ट्रेनों को 10 से 15 मिनट अतिरिक्त ठहराव दिया जा रहा है। हरदोई में भी लगातार रेल यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के ठहराव की मांग व बरेली से प्रयागराज के लिए क्लोन ट्रेन चलाने की मांग रेल प्रशासन से कर रहे है।
हादसे से पहले हरदोई से लगभग 2 सौ से 3 सौ यात्री कर रहे थे सफर
हरदोई से प्रतिदिन तीन ट्रेनों का संचालन प्रयागराज जाने के लिए हो रहा है।इन ट्रेनों में प्रतिदिन 200 से 300 यात्री प्रयागराज के लिए सफर कर रहे हैं। ट्रेनों में जनरल कोच की कमी से हरदोई से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि पीछे से आने वाली अधिकांश ट्रेनों के जनरल कोच बिल्कुल खचाखच भरे हुए हैं।आलम यह है कि हरदोई से होकर जाने वाली अधिकांश ट्रेनों के स्लीपर और एसी कोच तक में यात्री सफर कर रहे हैं। रेल अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में हुए हादसे के बाद हरदोई से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है। रेल अधिकारियों ने बताया कि अब तक जहां प्रयागराज जाने के लिए टनकपुर से चलकर सिंगरौली शक्ति नगर जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस में प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ जनरल टिकट की बिक्री हो रही थी वहीं दिल्ली में हादसे के बाद इसकी संख्या घटकर लगभग 70 रह गई है जबकि रात में बरेली से चलकर प्रयागराज जाने वाली मुगलसराय एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से लगभग 10 से 11 घंटे की देरी से संचालित हो रही है।ऐसे में अन्य ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई है।रेल यात्रियों ने रेल अधिकारियों से मांग की है की प्रयागराज जाने के लिए त्रिवेणी और मुग़लसराये एक्सप्रेस की क्लोन ट्रेन को संचालित किया जाए जिससे यात्रियों को राहत मिल सके।