हरदोई
अपर जिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा प्रियंका सिंह ने बताया कि लोगों को शीतलहर ठंड से बचाव हेतु जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण द्वारा बताया गया है कि शीतलहर से सुरक्षित रहने के उपाय बताए है।प्रियंका सिंह ने बताया कि इसके लिए स्थानीय रेडियो सुने, समाचार पत्र पढ़ें, टी०वी० एवं मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें।शासन द्वारा जारी होने वाली एडवाइजरी का पालन करे।शीत लहर से बचाव को लेकर स्वेटर, टोपी, मफलर, कम्बल, गर्म कपड़े जैसे ऊनी कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें, आवश्यकतानुसार अलाव जलायें जिससे ठंड से बचा जा सके। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें। शरीर में ऊष्मा प्रवाह को बनाये रखने के लिए निरन्तर गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहें। ठंड में जहां तक हो सके घर में ही रहें, खुले वाहन तथा ज्यादा दूरी वाली यात्रा करने से बचें। अपने आपको सूखा रखें, फिटिंग वाले ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाये रखें। उचित भोजन, विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। अत्यधिक ठंड/कोहरा पड़ने पर बुजुर्ग लोगों तथा बच्चों का ध्यान रखें, अकेले रहने वाले पड़ोसियों की जांच करें।
अंगीठी और हीटर से बरते सावधानी
शीतलहर से बचाव के लिए हाइपोथर्मिया के लक्षणों पर नजर रखें जैसे असामान्य शरीर का तापमान, बेहोशी, असीमित ठिठुरन, थकान, तुतलाना इत्यादि जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें। शीतदंश के लक्षणों पर नजर रखें जैसे-शरीर के अंगों का सुन्न पड़ना, हाथों व पैरों की उंगलियों, नाक, कान आदि पर सफेद या पीले दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें। अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढकें। ठंड में फर्स तथा हरे घास पर नंगे पैर न चलें। कोयले की अंगीठी अथवा हीटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें तथा कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वायु संचार बनाये रखें ताकि कमरे में जहरीला धुआं एकत्र न हो। रात्रि में सोते समय बन्द कमरे में हीटर अथवा अंगीठी का प्रयोग कदापि न करें। बन्द कमरे में हीटर अथवा अंगीठी के प्रयोग से ऑक्सीजन स्तर घट जाता है जिसके कारण दम घुटने की सम्भावना बन सकती है। कोहरे में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, फॉग लाइट जलायें रखें, वाहन पर रेडियम स्टीकर लगायें।