हरदोई
हरदोई में एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते नवीन गल्ला मंडी के एक कर्मचारी को रंगे हाथों की रफ्तार किया और उसे अपने साथ लेकर देहात कोतवाली रवाना हो गई। कर्मचारी पर मंडी में लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप था जिसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से हुई थी। टीम द्वारा मामले की जांच के बाद जाल बिछाया और शुक्रवार की दोपहर को नवीन गल्ला मंडी के कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई की भनक जैसे ही जनपद में लगी सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया। हरदोई में पहले भी कई बार एंटी करप्शन की टीम कार्यवाही कर चुकी है। एंटी करप्शन की टीम द्वारा हरदोई में पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। प्रशासन की लाख सख्ती और हिदायत के बाद भी प्रदेश में सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है जनपद में भी सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के मामले सामने आते रहते हैं। इन्हीं मामलों में लगातार एंटी करप्शन टीम कार्रवाई कर रही है।
30 हज़ार की ली थी रिश्वत
यूनिफाइड लाइसेंस बनवाने के लिए हरदोई के रहने वाले अमित ने आवेदन किया था।इसके बाद मंडी सहायक पद पर कार्यरत अरुणेंद्र द्वारा लाइसेंस बनाने के एवज में ₹50000 की रिश्वत की मांग की गई थी। रिश्वत की मांग होने के बाद अमित के कई साथियों ने लाइसेंस बनवाने से इनकार कर दिया जबकि अमित द्वारा ₹30000 पर डील फाइनल की थी।अमित द्वारा इसकी जानकारी एंटी करप्शन टीम को दी जिसके बाद एंटी करप्शन टीम द्वारा मामले की जांच की और मामले में सत्यता पाए जाने पर जाल बिछाया और मंडी सहायक को 30000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।एंटी करप्शन टीम द्वारा गिरफ्तार करने के बाद मंडी सहायक को देहात कोतवाली ले गई जहां पर उससे पूछताछ की गई। खबर लिखे जाने तक एंटी करप्शन की टीम इस मामले की पूछताछ कर रही थी।पीड़ित ने बताया कि उसकी यूनिफाइड लाइसेंस बननी थी।यूनिफाइड लाइसेंस जो होती है वह पूरे यूपी की होती है तो उसके लिए मंडी सहायक द्वारा ₹50000 की रिश्वत की मांग की गई थी।पीड़ित ने बताया कि जो लाइसेंस थी उसमे उसके चार मित्रों की लाइसेंस भी बननी थी।पीड़ित ने बताया कि उसके दोस्तों द्वारा लाइसेंस बनवाने से इनकार कर दिया क्या जबकि उसके द्वारा मंडी सहायक से जब बात की गई तो उनके द्वारा ₹30000 की रिश्वत देने की बात तय हुई थी।इसके बाद उसके द्वारा शिकायत एंटी करप्शन टीम में की गई थी जिस पर टीम ने अपनी मौजूदगी में ₹30000 की रिश्वत दिलाई और रिश्वत लेते ही मंडी सहायक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन की टीम की कार्यवाही से जनपद के सरकारी कार्यालय में हड़कंप की स्थिति देखने को मिली लोग एक दूसरे से करवाई और कर्मचारियों को लेकर जानकारी लेते नजर आए।हरदोई में इससे पहले भी एंटी करप्शन टीम द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है।अब सवाल यह उठता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कब तक प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला पाएंगे या फिर ऐसे ही प्रदेश में भ्रष्टाचार जारी रहेगा।