हरदोई।सवायजपुर तहसील के कटियारी इलाके की गंगा,रामगंगा,गर्रा व गम्भीरी तथा नीलम सहित पांचों नदियों के जलस्तर में लगातार बृद्धि होने से नदियों के किनारे बसे एक सैकड़ा गांव के लोग बाढ़ की सम्भावना को लेकर भयभीत है।हालांकि तहसील प्रशासन की तरफ से सभी बाढ़ राहत चौकियों को एलर्ट करने का दावा किया जा रहा है जबकि हकीकत में बाढ़ राहत चौकियों का कहीं अता पता तक नही है वह केवल कागजो तक सीमित है।और राहत चौकियों पर तैनात राजस्व कर्मी नदारद है।
गंगा ,रामगंगा,गर्रा,गम्भीरी व नीलम नदियों के जलस्तर में लगातार बृद्धि होने से नदियों के किनारे बसे नन्दना,बेहटा, अलीशेर पुरवा,चन्दरमपुर,मुर्बा ,बेहथर,मंगरौरा,धनियामऊ,बड़ा गांव,सिशैया पुरवा,वेडीजोर ,नाऊपुरवा सहित एक दर्जन से अधिक गांवो के लोग बाढ़ की संभावना को लेकर चिंतित है। तहसील प्रशासन भले ही सभी बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय करने का दावा कर रहा हो लेकिन इन बाढ़ राहत चौकियों पर सन्नाटा पसरा हुआ है तथा इन पर तैनात किए गए राजस्व कर्मी भी नदारद है।बुधवार को तहसील क्षेत्र के अरवल इलाके में पूरा तहसील प्रशासन का अमला करनपुर गांव तक ही पहुंचा और लोगो की समस्यायों को न सुनकर सीधे स्टीमर पर बैठकर मोबाइल चलाते हुए नदी में स्टीमर पर भृमण कर औपचारिकता पूरी कर वापस लौट गया।बताते चले कि तहसील क्षेत्र मे कुल 13 बाढ़ राहत चौकियां स्थापित है।लेकिन दो दिनों से गंगा व रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।फिर भी इन बाढ़ राहत चौकियों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।इन चौकियों पर तैनात किए गए राजस्व कर्मी नदारद है।नदियों के किनारे स्थित कृषि भूमि जलमग्न है तथा यहां पशुओं के लिए हरा चारा भी नष्ट होने की कंगार पर है।रामगंगा नदी के पड़ोसी गांवो के लोग नदी पार कर खेतो से चारा लाने को मजबूर है।तहसील प्रशासन की तरफ से गांवो में चल रहे संक्रमण व वायरल व जरूरतमंद दवाओं का भी पहुंचना मुश्किल है साथ ही बाढ़ पर प्रभावित इलाके के लोगों को सावधानियां बरतने के निर्देशों व उनकी समस्याओं को सुनने की भी जरूरत नही समझी जा रही है।
स्टीमर पर बैठकर मोबाइल चलाते हुए नदी में बाढ़ का जायजा लेता तहसील प्रशासन