हरदोई
31 अगस्त 2024 को दुबई के ब्रिस्टल होटल में मिस एंड मिसेज इंटरनेशनल वूमेन ऑफ़ सब्सटेंस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित हरदोई शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय सेंट जेविएर्स हाई स्कूल कि प्रधानाचार्या मौसमी चटर्जी ने प्रतिभाग किया और अपनी प्रतिभा, बुद्धिमता का प्रदर्शन करते हुए ग्रूमिंग सेशन, टैलेंट राउंड,फोटोशूट राउंड, एक्सकर्शन राउंड, एक्सपोजर इंटरनेशनली राउंड,नेशन कौस्ट्यूम राउंड,अबाया राउंड,क्राउनिंग राउंड आदि कि कठिन स्पर्धा में जीत कर मिसेज गोल्ड श्रेणी में सेकेंड रनर-अप तथा डैजलिंग स्माइल का खिताब अपने नाम कर लिया और देश का सम्मान बढ़ाया तथा शिक्षा जगत में खुशिया बिखेर कर हरदोई का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया जो जनपद के लिए गर्व का विषय है। इसके पहले भी मौसमी चटर्जी ने अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिताब जीत चुकी हैं। यहाँ आपको बता दें कि मौसमी चटर्जी कोलकाता की मूल निवासी है। इस प्रतियोगिता में भारत, दुबई, जॉर्डन, फिलिपीन्स और बांग्लादेश की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
पोशाक राष्ट्रीय चिन्हों तथा राज्यो की अलग- अलग विशेषताओं को दर्शाती थी
मौसमी चटर्जी ने आयोजक आशीर्वाद कंसलटेंट-इवेंट एंड ब्रांडिंग साल्यूशन की डा0 मधुर शर्मा, अंशु मुदगल सेलेब्रिटी अतिथि सरगम कौशल मिसेज वर्ल्ड -2024 मुख्य अतिथि एच0एच0 बियू अब्दुल्ला, विशिष्ट अतिथि एच0ई0 याकूब अल-अली बंदरगाह मंत्री यू0ए0ई0, डॉ0 ऋतु फैशन कोरियोग्राफर तष्नुबा राका एवं स्वाति (ग्रूमर) का धन्यवाद् तथा आभार प्रकट किया। इसके अतिरिक्त मौसमी चटर्जी ने एच0 बी0 मीडिया प्रा0 लि0, बोले इंडिया न्यूज़ और डी0एक्स0बी0 लाइव-24 को भी धन्यवाद् ज्ञापित किया।
यहाँ मौसमी चटर्जी ने विशेष उल्लेखनीय प्रसंग बताते हुए कहा कि नेशनल कास्टयूम राउंड में उन्होंने जिस ड्रेस का चयन किया वह राष्ट्रीय चिन्हों तथा राज्यो की अलग- अलग विशेषताओं को दर्शाती थी और इस ड्रेस की स्केचिंग, पेंटिंग, एम्बांसिंग उनके ही स्कूल के शिक्षक कमलेश सिंह, गौरव शुक्ला, नीलम राज, और नीलम यादव ने अपना-अपना योगदान दिया तथा स्कूल की पूर्व छात्रा नौशीन हसन ने ड्रेस को स्टिच किया जो वर्तमान में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिस्पर्धा में मेरी ताकत और प्रेरणा मेरे विद्यालय के सभी शिक्षक और छात्र रहें।मौसमी चटर्जी ने कहाँ कि उनकी सफलता के पीछे उनकी माँ और पति के साथ उनके भाई और बहन का भी काफ़ी सहयोग रहा है जिसके चलते आज वो इस मुक़ाम पर पहुँची है।मौसमी चटर्जी ने बताया कि उनकी बेटी रुपसा चटर्जी और बेटा साग्निक चटर्जी समय-समय पर मेरा उत्साहवर्धन करते रहे जिससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।