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संदिग्ध परिस्थियों में क़ैदी फ़रार, बिहार का रहने वाला था क़ैदी, मचा हड़कंप, जेल प्रशासन ने साधा मौन

संदिग्ध परिस्थियों में क़ैदी फ़रार, बिहार का रहने वाला था क़ैदी, मचा हड़कंप, जेल प्रशासन ने साधा मौन

हरदोई जिला कारागार से एक अभियुक्त के भागने का मामला सामने आया है।सूत्रों के अभियुक्त चोरी के मामले में हरदोई में बंद था। मिली जानकारी के मुताबिक अभियुक्त संत कुमार पुत्र जय हिंद बिहार राज्य का रहने वाला था।सूत्र बताते है कि संत कुमार को एक जेल कर्मी अपने साथ पुताई के काम के लिए लेकर कहीं गया था। जहां से वह जेल कर्मी को चकमा देकर फरार हो गया। जेल कर्मी द्वारा चोरी के मामले में बंद अभियुक्त की काफी तलाश की गई लेकिन अभियुक्त जेलकर्मी को नहीं मिला। जेल में बंद अभियुक्त के फरार हो जाने की जानकारी लगते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया।जेल का एक सुरक्षा कर्मी मामले की तहरीर लेकर शहर कोतवाली पहुंचा जहां तहरीर में कुछ खामियां होने पर उसे दुरुस्त करने की बात कही गई। फिलहाल घटना से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है वहीं जेल कर्मियों पर भी संगीन आरोप लगने रहते हैं। जेल कर्मियों पर पहले भी कई बार जेल में बंद अभिक्तों से कार्य कराये जाने के आरोप लगाते आए हैं यह आरोप आज सिद्ध होते हुए भी नज़र आ रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक़ पुताई के लिए गया था अभियुक्त

मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है जहां मंगलवार दोपहर को एक अभ्युक्ति जो की हरदोई जेल में बंद था। उसके भाग जाने से हड़कंप मच गया साथ ही जेल प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े कर गये। जेल कर्मी के साथ गए अभियुक्त के फ़रार होने की जानकारी लेने के लिए जब जेल अधीक्षक और जेलर को फोन किया गया तो जेल अधीक्षक ने फोन उठाना तक मुंसिफ नहीं समझा जबकि जेलर ने फोन उठाकर बात सुनते ही फोन को काट दिया जिसके बाद एक बार फिर जेलर से संपर्क करना चाहा लेकिन जेलर का फोन नहीं उठा। जेल प्रशासन की इस कार्यशैली से साफ समझ जा सकता है की जेल के अंदर कुछ तो जरूर गड़बड़ है जिसको लेकर जेल प्रशासन अब मुंह चुरा रहा है।हरदोई जिला कारागार पहले भी कई बार सुर्खियों में रहा है।यह सुर्खियां चाहे जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर हो या फिर जेल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर। मामले में शहर कोतवाल ने ज़्यादा जानकारी होने से इंकार करते हुए कहा कि जेल की ओर से एक आरक्षी तहरीर लेकर आया था। तहरीर में कुछ खामियां थी जिसे दुरुस्त करके पुनः तहरीर देने को कहा गया है। अब देखने वाली बात यह होगी क्या जेल प्रशासन अपनी इस नाकामी को छुपाने में सफल होगा या लापरवाह हो चुके हरदोई जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों पर शासन स्तर से कोई सख्त कार्रवाई होगी।

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