हरदोई
हरदोई में 1 सितंबर से अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हो गई है।हरदोई में जब-जब अतिक्रमण चला तब तक सवालों के घेरे में रहा है।अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हरदोई नगर पालिका क्षेत्र में प्रशासन द्वारा अपनों पर रहम गैरो पर सितम की कार्यवाही की जाती रही है। हरदोई नगर पालिका द्वारा बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों को अतिक्रमण से छोड़ दिया जाता है जबकि छोटे दुकानदारों पर अतिक्रमण की कार्यवाही नगर पालिका द्वारा की जाती है। हालांकि इस बार नगर पालिका और जिला प्रशासन अतिक्रमण अभियान के दौरान किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है। लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अब तक अतिक्रमण से बचते आ रहे शहर के बड़े प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलेगा या इस बार भी अपनी पहुंच के चलते यह प्रतिष्ठान अतिक्रमण से बच जाएंगे और छोटे दुकानदारों पर अतिक्रमण का चाबुक चलता रहेगा।
आख़िर क्यों नहीं प्रशासन करता है कार्यवाही
हरदोई शहर के कई ऐसे बड़े प्रतिष्ठान है जो शहर में अतिक्रमण अभियान के दौरान जिम्मेदारों के रहमों करम से बच जाते हैं जिनमें शहर का काशीनाथ सेठ सराफा, फूलचंद गारमेंट साड़ी, डॉक्टर नवीन सक्सेना का क्लीनिक के साथ आरके मेडिकल पर प्रशासन की विशेष मेहरबानी रहती है। इसके साथ ही शहर भर में अतिक्रमण अभियान तो चलता है लेकिन यह अभियान बड़े चौराहे से रामदास चौराहे की ओर आज तक नहीं चला। क्षेत्र के लोग जिला प्रशासन और नगर पालिका की इस दो तरफा कार्यवाही से काफी आक्रोशित भी है। 1 सितंबर को हरदोई शहर में चले अतिक्रमण अभियान के दौरान जिस तरह के तेवर नगर मजिस्ट्रेट ने अतिक्रमण को लेकर दिखाएं इससे लगता है कि इस बार अतिक्रमण करें बड़े प्रतिष्ठा भी नहीं बख्शे जाएंगे। हालांकि यह आना वाला समय बताएगा कि शहर के बड़े प्रतिष्ठानों पर प्रशासन का बुलडोजर गरजता है या एक बार फिर अपनी पहुंच के चलते यह प्रतिष्ठान अतिक्रमण की जद में आने से बच जाएंगे। शहर के अधिकांश मार्गो पर दुकानदारों द्वारा जमकर अतिक्रमण किया गया है जिनमे यह बड़े प्रतिष्ठा भी शामिल है। नगर पालिका की टीम छोटे प्रतिष्ठानों पर जुर्माना भी करती है और अतिक्रमण अभियान के दौरान दुकानों पर बारिश धूप से बचाव के लिए लगी टीन आदि को अपने साथ उखाड़ भी ले जाती है लेकिन बड़े प्रतिष्ठानों तक पहुंचते पहुंचते अतिक्रमण अभियान या तो बंद हो जाता है या फिर बड़े प्रतिष्ठानों को देखकर उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है।