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सती दाह के बाद से प्रारंभ हुई थी शिवलिंग पूजा

सती दाह के बाद से प्रारंभ हुई थी शिवलिंग पूजा


शाहाबाद हरदोई। मां कात्यायनी शक्तिपीठ पर आयोजित शिव आराधना महोत्सव के छठवें दिवस हरिहर चरित्र के अंतर्गत कथा व्यास सत्यानंद गिरी महाराज ने बताया की सती का योगाग्नि के द्वारा जला हुआ शरीर लिए हुए भगवान शंकर विक्षिप्त अवस्था में इधर-उधर भ्रमण कर रहे थे। तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से शरीर के खण्ड कर दिये और जो खण्ड जहां गिरा वहां एक शक्तिपीठ के रूप में स्थापित हो गया, परंतु भगवान विष्णु के द्वारा किए गए इस कृत्य से शिव क्रोधित हुए और सारी सृष्टि में उथल-पुथल मच गई। बताया आकाश से अनेकों तरह के पिंड जमीन पर गिरने लगे, तभी सभी देवी देवताओं ने पिंड अर्थात शिवलिंग का पूजन अर्चन किया। ब्रह्मा ने स्वर्ण का लिंग विष्णु जी ने, इंद्रनीलमणि का लिंग इंद्र ने, पद्मपरागमणि का लिंग धर्मराज ने, पीतमणि विश्व देवों ने चांदी का लिंग, अश्वनी कुमारों ने पीतल का लिंग, चंद्रमा ने मोती का लिंग, ब्राह्मणों ने वज्र का लिंग, ब्राह्मण पत्नियों ने मिट्टी का लिंग, अदिति ने तांबे का लिंग, नागों ने चंदन का लिंग, देवियों ने मक्खन का लिंग, यक्षों ने दधि का लिंग, योगिया ने भस्म का लिंग और लक्ष्मी जी ने स्फटिकमणि शिवलिंग का पूजा अर्चन किया l इस प्रकार सभी देवी देवताओं के पूजन से प्रसन्न हो शिव पुनः लोक कल्याण के लिए उद्यत हुए और देवादि देव महादेव कहलाए। उन्होंने बताया शिव पूजन में हर हर महादेव बोलने पर दुख दर्द नष्ट होते हैं, एवं बम बम बोलने से भक्त निहाल हो जाता है, और ऊँ नमः शिवाय मंत्र जप करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। कथा समापन पर आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर शैलेंद्र मिश्रा, अरुण श्रीवास्तव, दीक्षा मिश्रा, शुभी श्रीवास्तव, दुर्गावती शुक्ला, विवेक शुक्ला, सुभाष रस्तोगी, किरण रस्तोगी, लक्ष्मी कश्यप, गुड़िया कश्यप, सरस्वती शुक्ला, प्रभा रानी श्रीवास्तव आदि सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे।

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