हरदोई
हरदोई में एक बार फिर स्लीपर बस हादसे का शिकार हो गई इस हादसे में एक की मौत जबकि दो लोगों की हालत गंभीर है।घायलों का इलाज हरदोई मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।हरदोई में लगातार स्लीपर बस हादसे का शिकार हो रही है लेकिन इन सब के बाद भी हरदोई जिला प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है।हरदोई जिला प्रशासन को जनपद में अवैध संचालित हो रही स्लीपर बसों का संचालन नजर नहीं आ रहा है। जांच के नाम पर जिम्मेदार केवल खाना पूर्ति कर दे रहे हैं जिसके चलते अवैध बस संचालकों के हौसले दिन पर दिन बुलंद होते जा रहे हैं। स्लीपर बस प्रदेश के साथ हरदोई में भी अब तक कई लोगों की जान ले चुकी हैं। इन हादसो का सबसे बड़ा कारण नियमों की अनदेखी और तेज गति है लेकिन जिम्मेदार है कि कार्यवाही करना ही नहीं चाहते हैं। सुबह हरदोई में अनियंत्रित होकर एक स्लीपर बस बिजली के पोल और पेड़ों को तोड़ते हुए एक मकान में जा घुसी। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही एक की मौत हो गई जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए स्थानीय सीएससी में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज हरदोई रेफर कर दिया।
दिल्ली से संड़िला जा रही थी बस
शाहाबाद के आल्हापुर चुंगी के पास मंगलवार की सुबह उसे समय हड़कंप मच गया जब एक स्लीपर बस अनियंत्रित होकर पहले बिजली के पोल से टकराई और फिर पेड़ों को तोड़ते हुए एक मकान में जा घुसी। प्रतिदर्शों के मुताबिक स्लीपर बस दिल्ली की ओर से आ रही थी। इस हादसे में अपने घर के चबूतरे पर बैठे रामबहादुर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि लालाराम और अतुल की हालत गंभीर थी जिन्हें स्थानीय लोगों ने पुलिस की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहाबाद में भर्ती कराया था जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए हरदोई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जहां दोनों की हालत अब स्थिर बनी हुई है।घटना के बाद पुलिस में मृतक राम बहादुर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है।पुलिस ने बस के ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया हैं। हरदोई में यह पहला मामला नहीं है जब कोई स्लीपर बस हादसे का शिकार हुई हो इससे पहले भी एक स्लीपर बस ने खड़े ट्रक में टक्कर मार दी थी जिसमे ट्रक के हेल्पर की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि कई लोग घायल हुए थे वहीं उससे पूर्व भी कई बार स्लीपर बस हादसे का शिकार होती आ रही हैं लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों को हरदोई जनपद से संचालित होने वाली अवैध स्लीपर बस नजर ही नहीं आती है या यह कहें की अवैध स्लीपर बसों के संचालन के लिए जिम्मेदारों को एक तय रकम प्राप्त होती है जिसके एवज़ में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ जिम्मेदार कर रहे हैं।