हरदोई
हरदोई का माल खाना एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।हरदोई के माल खाने पुलिस द्वारा जप्त की जाने वाली धनराशि हो या कोई अन्य सामग्री सुरक्षित नहीं है। इससे पहले भी कई बार हरदोई के माल खाने को लेकर सवाल उठ चुके हैं अपनी अवस्थाओं के चलते हरदोई का माल खाना लगातार सुर्खियों में बना रहता है।एक बार फिर ऐसा ही कुछ सामने आया है जहां कोर्ट के आदेश पर माल खाने में अपने जप्त रुपए लेने पहुंचे एक शख्स को यह पता चला कि उसके प्रकरण में बरामद हुए रुपए 11 वर्ष पहले चोरी हो गए थे जिसकी एफ़आईआर हरदोई शहर कोतवाली में दर्ज है।यह जानकारी लगते ही उस शख्स के पैरों से जमीन खिसक गई जो पुलिस द्वारा किए गए गुड वर्क के दौरान बरामद रुपए को न्यायालय के आदेश पर लेने के लिए पहुंचा था। माल खाना के प्रभारी ने एक पत्र लिखकर न्यायालय को भी इस संदर्भ में अवगत कराया है। जैसे ही यह जानकारी क्षेत्र में फैली वैसे ही एक बार फिर हरदोई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे। लोगों ने यहां तक कह दिया कि माल खाने से जिम्मेदार ही स्वयं माल को पार कर एफ़आईआर लिखा देते हैं और जांच में सिर्फ खानापूर्ति होती है। हरदोई पुलिस द्वारा माल खाने से चोरी का अभियोग तो दर्ज कर लिया लेकिन इस मामले में 11 वर्ष हो जाने के बाद भी अब तक कोई बरामदगी और गिरफ्तारी हरदोई शहर कोतवाली द्वारा नहीं की गई है।
पाली में हुई थी लूट, पुलिस ने आरोपियों को किया था गिरफ़्तार
हरदोई में फर्रुखाबाद निवासी वीरेंद्र दीक्षित वर्ष 2003 में मुनीम का काम करते थे उस दौरान वह हरदोई जनपद के पाली से फर्रुखाबाद कार से जा रहे थे कि तभी सेढा पुल के पास रास्ते में 6 से 7 अज्ञात लोगों द्वारा उनकी कार को ओवरटेक कर उसपर फायरिंग की गई और कार में रखें 158000 लूट कर फरार हो गए थे। यह घटना 30 नवंबर 2023 की है। इस मामले में पाली थाना पुलिस ने अभियोग दर्ज कर लूट में शामिल मनोज के पास से ₹50000 विक्रम के पास से 20500 जीतू के पास से ₹10600 अखिलेश और पप्पू के पास से 10000 रुपए और हरिराम के पास से ₹24000 बरामद कर आरोपियों को जेल भेजा था।पाली थाना पुलिस द्वारा लूट के आरोपियों से जप्त हुए रुपयों को हरदोई के माल खाने में जमा करा दिया था। वीरेंद्र दीक्षित के साथ हुई लूट का अभियोग न्यायालय में चल रहा था इस दौरान वीरेंद्र दीक्षित ने रुपयों को कोर्ट से रिलीज करने की अपील की जिसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए फोटोग्राफी करने के साथ रुपयों को वीरेंद्र दीक्षित को सुपुर्द करने के आदेश दे दिये। कोर्ट का आदेश लेकर जब वीरेंद्र दीक्षित हरदोई के माल खाने पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनके प्रकरण में माल खाने में जमा रुपए सितंबर 2013 को माल खाने से चोरी हो गए है। इसकी रिपोर्ट शहर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। काफी प्रयास किया गया लेकिन अब तक माल और मुलजिम नहीं मिले हैं। अब सवाल उठता है कि 11 साल बीतने के बाद भी हरदोई पुलिस माल खाने से चोरी हुए रुपयों और चोरी करने वाले को अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है ना ही इस बाबत हरदोई पुलिस के किसी अधिकारी ने कोई सख्त कार्यवाही की है। हरदोई पुलिस के माल खाने में दिन और रात सुरक्षा कर्मियों का पहरा रहता है जिसके बाद भी चोरी हो जाना अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है।