शाहाबाद हरदोई। साथ-साथ जीने मरने की कसमें खाई और जिंदगी भर साथ निभाने का वादा हुआ। लेकिन मात्र ढाई महीने ही एक दूसरे के बने हमसफर मात्र ₹10 के स्टांप पर लिखा पढ़ी करके जीवन भर के लिए पत्नी ने पति का साथ छोड़ दिया। जबकि पति पत्नी को साथ रखने के लिए गिड़गिड़ाता रहा। पत्नी के परिवार वालों ने दहेज का सारा सामान वापस लिया और वर पक्ष का सामान और पैसा भी वापस कर दिया। गांव की भरी सभा में यह पंचायत हुई और दोनों हमेशा के लिए एक दूसरे से अलग हो गए। बाकया है शाहाबाद कोतवाली के ग्राम बासित नगर का। बासित नगर के रहने वाले विपिन कुमार पुत्र झुन्नी कश्यप का विवाह सेहरामऊ दक्षिणी थाना क्षेत्र के बादशाह नगर के ग्राम नगर पाल निवासी रजनी देवी पुत्री जगदीश कुमार के साथ 4 मई 2023 को हिंदू रीति रिवाज के साथ और संपन्न हुआ। जीवन भर साथ निभाने और सुख-दुख में एक साथ रहने के वचन दिये गए। लेकिन 19 जुलाई की शाम विपिन की ससुराल वाले बासित नगर गांव पहुंचे और पंचायत लग गई। पंचायत में रजनी ने विपिन के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया। जबकि विपिन उसका साथ छोड़ने के लिए राजी नहीं था। दोनों तरफ से बहस हुई और ग्रामीण इस बात पर तैयार हो गए कि जब लड़की रहने को तैयार नहीं है तो जोर जबरदस्ती करने से कोई फायदा नहीं। कोई भी घटना हो सकती है। पंचायत ने निर्णय सुनाया कि तिलक और दहेज में मिला हुआ समान और नकदी वधू पक्ष को वापस कर दी जाए तथा वधू पक्ष के लोग वर पक्ष का सारा पैसा और सामान वापस कर दें। दोनों पक्ष इस बात पर राजी हो गए। ₹10 का स्टांप पेपर मंगाया गया और जीवन भर साथ निभाने तथा दुख सुख में साथ रहने के वादों का महल भरभरा कर गिर गया। ढाई महीने में पत्नी द्वारा पति से तलाक लेने का ₹10 का स्टांप गवाह बन गया। पत्नी ने पति से तलाक लेने का शपथ पत्र दिया। पति विपिन ने ऐसा करने से मना किया, लेकिन ग्राम वासियों द्वारा समझाने के बाद पति राजी हो गया और दस्तखत कर दिए। इस तरह से ढाई महीने के अंदर जीवन भर साथ निभाने के वायदे एक पल में टूट गए।