पाली, हरदोई। पाली के समाजसेवी रघुवीर सिंह ने हाई कोर्ट में कस्बे के रामलीला मैदान में लग रही बाजार बंद कराने और अवैध वसूली रोकने को लेकर एक जनहित याचिका दायर कर डीएम, एसडीएम और नगर पंचायत पाली के ईओ को पार्टी बनाया था। एसडीएम ने मामले को लेकर एक कमेटी बनाई है, जिसमें नायब तहसीलदार अधिशासी अधिकारी और थानाध्यक्ष को शामिल किया है, यह कमेटी उपरोक्त मैदान में लगने वाली बाजार और बसूली बंद कराएगी। लेकिन कमेटी गठन के एक सप्ताह बाद भी कोई प्रभावी कदम न उठाए जाने को लेकर याचिकाकर्ता रघुवीर सिंह ने कमेटी की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और जल्द से जल्द बाजार और अवैध वसूली बंद करने की मांग की है।
ज्ञात होगी पाली कस्बे के मोहल्ला आजाद नगर निवासी 70 वर्षीय वृद्ध व विकलांग रघुवीर सिंह पुत्र विशाल सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ रखी है और वह जनहित से जुड़े मामलों को लेकर लगातार प्रशासन के पास जा रहे थे, पर प्रभावी कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया है। इसी क्रम में पाली कस्बे के रामलीला मैदान में रामलीला कमेटी द्वारा लगवाई जा रही बाजार और दुकानदारों से की जा रही वसूली को अवैध बताते हुए रघुवीर सिंह ने उच्च न्यायालय प्रयागराज की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दायर की। याचिका में डीएम हरदोई के अलावा एसडीएम सवायजपुर, ईओ पाली व रामलीला कमेटी को पार्टी बनाया गया है। हाई कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद एसडीएम सवायजपुर अरुणिमा श्रीवास्तव ने रामलीला मैदान गाटा संख्या 27 को लेकर रामलीला कमेटी से दस्तावेज तलब किए थे और कमेटी का पंजीकरण भी तलब किया था। दस्तावेजों के प्ररीक्षण में एसडीएम को पता चला कि 1968 में बंजर भूमि से रामलीला मैदान के नाम यह भूमि दर्ज हुई है, जबकि रामलीला कमेटी का रजिस्ट्रेशन 1998 में हुआ। एसडीएम ने माना की भूमि गाटा संख्या 27 रामलीला मैदान पर कमेटी का स्वामित्व नहीं है। रामलीला कमेटी के वायलाज में भी संपत्ति का कोई उल्लेख नहीं है। एसडीएम ने बताया कि तत्कालीन चकबंदी अधिकारी द्वारा उक्त भूमि को सार्वजनिक विशेष प्रयोजन हेतु सुरक्षित किया गया है, उक्त भूमिका प्रयोग किसी आर्थिक गतिविधि में किया जाना नियम संगत नहीं है। एसडीम ने रामलीला मैदान पाली में लगवाई जा रही बाजार, दुकानों को बंद कराने हेतु बीती 11 जुलाई को कमेटी गठित की, जिसमें नायब तहसीलदार सवायजपुर, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत पाली और थानाध्यक्ष पाली को नामित किया। वहीं मामले को लेकर याचिकाकर्ता रघुवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक सप्ताह बीतने के बाद भी बाजार बंद नहीं कराई गई है, एसडीएम द्वारा बनाई गई कमेटी की कार्रवाई निराशाजनक है।