हरदोई रेलवे स्टेशन पर डीआरएम निरीक्षण के लिए पहुंचे थे एक तरफ जहां डीआरएम का निरीक्षण चल रहा था वहीं दूसरी ओर स्टेशन पर सक्रिय चोर ने रेल कर्मी की बाइक पर अपना हाथ साफ कर दिया।एक ओर जहां राजकीय रेलवे पुलिस चोरों पर लगाम लगाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं चोरों ने जीआरपी थाने की दीवार से लगी खड़ी बाइक पर अपना हाथ साफ कर जीआरपी को कड़ी चुनौती दे दी है। अभी कुछ दिन पूर्व पुलिस उपाधीक्षक रेलवे हरदोई रेलवे स्टेशन के निरीक्षण को आए थे यहां पर पुलिस उपाधीक्षक रेलवे लखनऊ द्वारा जीआरपी थाने,स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म फुटओवर ब्रिज का गहनता से निरीक्षण किया और जीआरपी थाना अध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों को ब्रीफ करते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। पुलिस उपाध्यक्ष रेलवे द्वारा सतर्कता के दिए गए निर्देश के एक हफ्ते के अंदर ही चोरों ने जीआरपी की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए। चोरों ने दिनदहाड़े जीआरपी थाने के सामने खड़ी बाइक पर अपना हाथ साफ करते हुए सतर्कता की पोल खोल दी।
जीआरपी बोली सिविल का है मामला
डीआरएम मुरादाबाद राजकुमार सिंह 6 जून को हरदोई रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। डीआरएम के निरीक्षण को लेकर सभी रेलकर्मी पूरी तरह से मुस्ताते थे। इसी क्रम में सिग्नल विभाग में कार्यरत रेल कर्मी योगेन्द्र मिश्रा भी प्रतिदिन की भांति अपनी बाइक से स्टेशन पहुंचे थे। यहां योगेंद्र मिश्रा द्वारा अपनी बाइक यूपी 30 एपी 2659 हीरो कंपनी की एचएफ डीलक्स को जीआरपी की दीवार से लगाकर खड़ी कर दी थी। रेल कर्मी योगेंद्र मिश्रा जब वापस घर जाने के लिए शाम को निकले तो देखा कि उनकी बाइक गायब है। स्टेशन परिसर में उन्होंने अपनी बाइक को काफी खोजने का प्रयास किया लेकिन बाइक नहीं मिली।इसके बाद योगेंद्र मिश्रा द्वारा मामले की शिकायत जीआरपी थाना अध्यक्ष से की गई लेकिन जीआरपी थाना अध्यक्ष वरुण शर्मा ने क्षेत्र न होने की बात कह कर अभियोग पंजीकृत करने से मना कर दिया। जीआरपी थाना अध्यक्ष द्वारा सिविल पुलिस में अभियोग दर्ज कराने की सलाह दे दी। इसके बाद योगेन्द्र मिश्रा द्वारा शहर कोतवाली जाकर मामले की तहरीर दी वहाँ बाइक चोरी के मामले में ई एफ़आईआर दर्ज कर दी है।योगेंद्र मिश्रा का कहना है कि सिविल पुलिस द्वारा भी उनका कार्य क्षेत्र न होने की बात कही थी लेकिन बाद में सिविल पुलिस द्वारा तहरीर ले ली गई है।जीआरपी परिसर की दीवार के सामने से बाइक चोरी होती हो रही है तो क्या जीआरपी की सतर्कता पर सवाल खड़े होना लाजिम है। स्टेशन परिसर में होने वाली घटनाओं को लेकर जीआरपी और सिविल पुलिस में अक्सर तनाबनी बनी रहती है जब कोई मामला सामने आता है तो जीआरपी और सिविल एक दूसरे पर मामला थोप कर पीड़ित को गुमराह करने का काम करते हैं।