हरदोई रेलवे स्टेशन को अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना में शामिल किए जाने के बाद अब युद्ध स्तर पर नई बिल्डिंग को बनाने का कार्य किया जा रहा है।हरदोई रेलवे स्टेशन के टूटने का क्रम जारी है। हरदोई रेलवे स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग को आधा तोड़ा जा चुका है जबकि शेष भाग अभी तोड़ना बाकी है।हरदोई रेलवे स्टेशन अपने आयात निर्यात के लिए भी मंडल के प्रमुख स्टेशनों में गिना जाता है। हरदोई रेलवे स्टेशन से बड़ी मात्रा में चीनी गेहूं मालगाड़ी के द्वारा दूसरे राज्यों और जनपदों में भेजा जाता है जिससे रेलवे को अच्छा राजस्व भी प्राप्त होता है। रिटायर्ड रेल कर्मचारी बताते हैं कि वर्षों पूर्व हरदोई रेलवे स्टेशन एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन था जहां पांच प्लेटफार्म हुआ करते थे। हालांकि समय के साथ हुए बदलाव में अब बरेली मुरादाबाद हरिद्वार में भी 5 से अधिक प्लेटफार्म हो चुके हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत हरदोई रेलवे स्टेशन पर बने 78 साल पुराने माल गोदाम को तोड़ने का कार्य किया जा रहा है जल्दी हरदोई रेलवे स्टेशन नए रंग रूप में नजर आएगा साथ ही हरदोई रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के कार्यालय को भी एक नया रूप मिल जाएगा।
इस सन् में बना था स्टेशन
हरदोई रेलवे स्टेशन बनने के बाद सन 1946 में हरदोई रेलवे स्टेशन पर माल गोदाम का कार्यालय बनाया गया था।हरदोई से 1946 से ही गैर राज्यों और जनपदों में माल का आयात शुरू हो गया था।संसाधनों के अभाव में व्यापारियों को भारतीय रेल एक अच्छा विकल्प नजर आया आने लगा था। जनपद के व्यापारियों ने भारतीय रेल के साथ मिलकर व्यापार किया। आज भी हरदोई से मालगाड़ी से गेहूं चीनी भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ विदेशों तक जाती है। हरदोई का माल गोदाम प्रतिवर्ष अच्छा राजस्व प्राप्त करता है जिस स्थान पर हरदोई में माल गोदाम का कार्यालय बना है वहां अब अमृत भारत स्टेशन योजना में तोड़फोड़ का काम शुरू हो गया है।माल गोदाम कार्यालय के स्थान पर यात्रियों को सुविधा देने के लिए एस्केलेटर बनाया जाना प्रस्तावित है जिसको लेकर माल गोदाम के कार्यालय को गिराने का काम जोरों से चल रहा है। जल्दी ही हरदोई रेलवे स्टेशन पर नई बिल्डिंग बनाने के साथ ही नया माल गोदाम कार्यालय व्यापारियों को नजर आएगा जिसमें व्यापारियों से जुड़ी सभी सुख सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा जाएगा।