लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव जिला प्रशासन लगातार मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक तो कर ही रहा है इसी के साथ नए मतदाता भी बना रहा है। जिला प्रशासन चुनाव में कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखता है। मतदाता रैली के साथ नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए भी लगातार कार्य कर रहा है। हरदोई जनपद में बीते 62 साल में 19 लाख मतदाता हो चुके हैं। जबकि लगातार मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है। हरदोई में लोकसभा चुनाव की जब शुरुआत हुई थी तब जनपद में चार लाख मतदाता था। मतदाताओं को बढ़ाने के लिए लगातार जिला प्रशासन कार्य कर रहा है। 2014 में सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या बढ़ी थी।मतदाताओं को बढ़ाने में जिलाधिकारी का सबसे बड़ा और अहम योगदान रहता है।जिला प्रशासन की ओर से मतदाता रैली समेत तमाम अन्य आयोजन भी समय-समय पर कराए जाते रहते हैं।
इस सन् में पड़े थे सबसे कम वोट
हरदोई में सन 1952 में पहली लोकसभा का चुनाव हुआ था जिसमें चार लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर 1952 के बाद से लगातार हरदोई के तत्कालीन जिलाधिकारी से लेकर वर्तमान जिला अधिकारी तक मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। 62 साल बाद हरदोई में 19 लाख 14 हज़ार 356 मतदाता हो चुके हैं।सन् 1989 1996 2004 2009 2014 2024 में हजारों लाखों नए मतदाता जोड़े गए हैं। हालांकि इस दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में हरदोई में 2639 मतदाता काम हो गए थे। हरदोई जनपद में वर्ष 2014 में 2 लाख 97 हज़ार 438 नए मतदाता बने थे जिसके चलते तत्कालीन सांसद अंशुल वर्मा ने 37.1% वोट पाकर जीत दर्ज की थी वहीं हरदोई में 1998 में सिर्फ 3241 वोट पड़े थे। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची प्रबंधन के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है।निर्वाचन के कामों को बेहतर करने के लिए पूरी टीम मेहनत करती है।