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हरदोई में फर्जी बैंक कर्मचारी करता रहा नौकरी,एक बार दिया रिज़ाइन, दोबारा जॉइनिंग में खुली पोल, जाँच में जुटी पुलिस

हरदोई में फर्जी बैंक कर्मचारी करता रहा नौकरी,एक बार दिया रिज़ाइन, दोबारा जॉइनिंग में खुली पोल, जाँच में जुटी पुलिस

हरदोई में एक फर्जी बैंक कर्मचारी को नौकरी के वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ा गया।दरअसल 10 लाख रुपए देकर युवक ने आईबीपीएस में अपने स्थान पर मुन्ना भाई को बैठा दिया था।इस परीक्षा में मुन्ना भाई ने अच्छी रैंक भी हासिल की और उसका सलेक्शन बैंक में हो भी गया। युवक द्वारा बैंक ऑफ़ इंडिया में अभिलेखों में हेरा फेरी कर नौकरी भी पा ली।कुछ दिन की तनख्वाह उठाने के बाद पिता की तबीयत का बहाना बताकर नौकरी से रिजाइन भी कर दिया तब तक सब कुछ ठीक था। किसी को फर्जी बैंक कर्मचारी होने की कानों कान खबर नहीं थी लेकिन फर्जी बैंक कर्मचारी का लालच उसके लिए मुसीबत बन गया।दरअसल युवक द्वारा बैंक में दोबारा से जॉइनिंग को लेकर आवेदन किया गया जिसे बैंक द्वारा स्वीकार भी किया गया लेकिन जब बैंक युवक के आंचलिक कार्यालय में बायोमेट्रिक के दौरान उसके डॉक्यूमेंट संधिआत्मक पाए गए तब बैंक कर्मचारियों को कोतवाली लेकर पहुंच गए। इसके बाद सारा मामला साफ हो गया। देश में होने वाली 10वीं परीक्षा से लेकर और अन्य परीक्षाओं तक लगातार मुन्ना भाइयों का दबदबा रहता है। पुलिस और सरकार लगातार परीक्षा पर सख्ती करती है लेकिन उसके बाद भी कहीं ना कहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस तरह के मामले सामने आ जाते हैं। बैंक ऑफ़ इंडिया की रेलवे गंज शाखा के प्रबंधक सुनील कुमार पांडे ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि बिहार के पटना के गांव आदमपुर का रहने वाला दीपक कुमार पुत्र महेंद्र पासवान ने आईबीपीएस की परीक्षा में 13 स्थान क्लर्क की परीक्षा में उत्तीर्ण किया था।इसके बाद 15 जून 2024 को बैंक आफ इंडिया में नियुक्ति के लिए हरदोई आया था। दीपक कुमार द्वारा बैंक में भर्ती से पहले जांच प्रक्रिया से संबंधित सभी करवाई के दौरान अपने दस्तावेज दिखाएं नौकरी के लिए आवश्यक मेडिकल परीक्षण एवं बायोमेट्रिक प्रक्रिया भी कराई गई। इस दौरान उसकी फोटो हस्ताक्षर और अन्य औपचारिक कार्य पूर्ण किए गए। इसके बाद दीपक कुमार को बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा कायमगंज जिला फर्रुखाबाद में क्लर्क के स्थान पर नियुक्ति दे दी गई।शाखा में बैंकिंग कार्य के लिए दोबारा से बायोमेट्रिक की आवश्यकता होती है।

पुराने अभिलेखों से मिलान में खुली पोल

इस्तीफा देने के बाद जब दोबारा दीपक कुमार जॉइनिंग करने के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया के आंचलिक कार्यालय हरदोई पहुंचा तब बायोमेट्रिक प्रक्रिया करने से पहले दीपक कुमार का बैंक रिकॉर्ड में उपलब्ध फोटो से मिलान किया गया मिलन के बाद बैंक कर्मचारियों के होश उड़ गए।बैंक कर्मचारियों को दस्तावेज मिलान के दौरान पता चला कि अब तक किसी अन्य की फोटो को लगाकर दीपक कुमार बैंक में नौकरी कर रहा था। बैंक कर्मचारियों द्वारा युवक को जब कोतवाली लेकर पहुंचे तब पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसके द्वारा 10 लाख रुपए देकर एक दूसरे युवक को परीक्षा में बैठाया था और उसके बाद उसके द्वारा यह पूरा घटनाक्रम रचा गया था। पुलिस द्वारा युवक पर अभियोग पंजीकृत कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर आवश्यक विधिक कार्रवाई में जुट गई है।

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