सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के विरुद्ध उत्तर प्रदेश समेत देश में भीम आर्मी द्वारा भारत बंद का आवाहन किया गया था। भारत बंद को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी समर्थन का ऐलान किया वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया। प्रदेश भर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार के विरुद्ध भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी ने जोरदार प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने की मांग केंद्र सरकार से की। प्रदेश के अलग-अलग कोनों में भारत बंद को लेकर भीम आर्मी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और दुकानों को बंद कराने का कार्य किया। हालांकि आरक्षण के विरोध में भारत बंद का असर हरदोई जनपद में देखने को नहीं मिला। हरदोई में भीम आर्मी आवाहन पर आरक्षण के समर्थन में लोग एकत्र हुए और अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन किया।हरदोई में प्रतिदिन की भांति सभी दुकानें व संस्थान खुले रहे। भीम आर्मी के प्रदर्शन को लेकर हरदोई पुलिस काफी सतर्क नजर आई है।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से विरोध में प्रदर्शन
भीम आर्मी के प्रदर्शन को देखते हुए हरदोई पुलिस सुबह से ही अलर्ट पर थी। भीम आर्मी के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के सामने अंबेडकर पार्क में एकत्र होकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया और केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग की।सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण को लेकर दिए गए निर्णय के बाद से ही आरक्षण प्राप्त करने वालों में हड़कंप मच गया था।लगातार राजनीतिक दल इसका विरोध भी कर रहे हैं।आरक्षण को वोट बैंक की तरह प्रयोग करने वाले राजनीतिक दल इसके समर्थन में उतर गये है जबकि हाल में ही उत्तर प्रदेश जनपद के नगीना लोकसभा सीट से भीम आर्मी के प्रमुख के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद प्रदेश में पार्टी का क़द बढ़ गया हैं। भीम आर्मी लगातार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है और केंद्र सरकार पर फैसला पलटने का दवाब बना रही है। भीम आर्मी द्वारा उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में कार्यकर्ताओं द्वारा दुकानों को जबरदस्ती बंद कराने के वीडियो वायरल हुए वहीं हरदोई जनपद में सभी दुकानें खुली रही। हरदोई में भीम आर्मी का भारत बंद बे-असर साबित हुआ। भीम आर्मी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को एक ज्ञापन सौपा और केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग की।