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हरदोई के किसान अमेरिकी फल की खेती कर हो रहे मालामाल

हरदोई के किसान अमेरिकी फल की खेती कर हो रहे मालामाल

हरदोई के किसान अमेरिकी फल की खेती कर हो रहे मालामाल

सपना मिश्र

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान अब फूल, सब्जी और फल की खेती से जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे ही किसान हैं भरावन विकास खण्ड के पहाड़पुर गाँव के निवासी ओम प्रकाश मौर्या जो दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले फल ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं। यह हरदोई के पहले किसान हैं जिन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। मात्र तीन बीघा खेत मे खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं।

भरावन विकास खण्ड के पहाड़पुर गाँव के निवासी किसान बेचेलाल के तीन पुत्रों में सबसे बड़े ओमप्रकाश मौर्य ने बताया कि उनके पिता जी के पास मात्र सात बीघा खेत है। जिससे परिवार का खर्चा बामुश्किल निकलता था। इसलिए बीए करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और कम्प्यूटर आपरेटर की नौकरी करने लगे। लेकिन वहां भी बहुत कम सैलरी मिलती थी कुछ दिन बाद नौकरी छोड़ दी और गांव वापस आ गया।

फैजाबाद कृषि मेले में हुई ड्रैगन फ्रूट की जानकारी
ओम प्रकाश मौर्य ने बताया कि वह अपने पिताजी के साथ फैजाबाद में कृषि विभाग की ओर से लगाए गए कृषि मेले में गए। कृषि मेले एक किसान ड्रैगन फ्रूट का स्टाल लगाए हुआ था। यहां पर उन्होंने इसकी जानकारी ली और वहां से 300 रुपये में एक पौधा लेकर आए और अपने खेत में लगाया। कुछ महीनो बाद उसमें फूल आया और फिर ड्रैगन फ्रूट का फल आया। इसके बाद उनकी हिम्मत बढ़ी और उन्होंने गुजरात से इसके पौधे ऑनलाइन मंगवाए जो मात्र 50 रुपये में पड़े। इस दौरान कई किसानों से संपर्क किया जो इसकी खेती करते थे उनसे पूरी पूरी जानकारी ली।

पहली बार में ढाई कुंतल फल आया

ओमप्रकाश ने बताया कि तीन बीघे के खेत मे 300 पिलर की खेती शुरू की, एक पिलर पर करीब 1200 रुपये खर्च आया। एक पिलर पर चार पौधे होते हैं। करीब 6 महीने बाद फूल आए और फिर उसमें फल डेवलप हुआ। इसके बाद कुछ फल तोड़कर हरदोई की स्थानीय बाजार में गए और वहां फल वालों से मिले और अपना ड्रैगन फ्रूट उनके ठेले पर रखवाया। वहां पर सिर्फ दो दिन में सभी फल बिक गए तो फल विक्रेताओं ने उनसे और फल मांगे। तीन बीघे की फसल में करीब ढाई कुंतल फल निकले और दो से ढाई सौ रुपये प्रति किलो के दाम पर व्यापारी खेत से ही ले गए।

प्राकृतिक खाद का ही इस्तेमाल करते

ओमप्रकाश ने बताया कि वे खेती में व केवल प्राकृतिक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने एक कम्पोस्ट पिट भी बना रखा है। जीवामृत का भी इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि जनपद के कृषि विभाग की ओर से उनको विशेषज्ञ सहायता मिलती रहती है। इससे नई लाभकारी फसलों की खेती और कृषि में नई तकनीकों के लिए प्रेरणा मिलती है। उन्होंने एक अमेरिकी वेरायटी श्याम रेड की खेती की। अभी हाल में एक इजराइली वेरायटी पेलोरा की खेती प्रारंभ की है। बाजार में ड्रैगन फ्रूट की काफी माँग है। क्योंकि ड्रैगन फ्रूट एक उच्च प्रतिरोधक क्षमता वाला फल है। डायबिटीज एवं हार्ट के मरीजों के लिए यह काफी लाभदायक है। वहीं विकास खण्ड माधोगंज के ग्राम भिठाई निवासी नरेन्द्र ओमप्रकाश से प्रेरित होकर 60 पिलर पर खेती शुरू की है। आगे उनकी योजना इसको बड़े पैमाने पर करने की है।

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