हरदोई। गर्मी का मौसम शुरू होते ही इलाके के गली मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टरों की हुई बल्ले बल्ले । मिनी नर्सिंग होम की तरह प्राइवेट क्लीनिक का संचालन करने वाले डक्टर भोले भाले ग्रामीणो से सभी बीमारियों का इलाज करने का दावा कर गरीबों की जेव से डाका डाल रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग जानकर भी पूरे तरीके से अनजान बना हुआ है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है, गर्मी का मौसम शुरू होते ही मरीज से शर्तिया इलाज का दावा कर अपने जाल में फसाने के बाद भोले भाले ग्रामीणों का इलाज करते है । जिससे जाल मे फसे मरीजो से बड़ी कमाई कर ठगने का काम करते है। इसके वाद ठीक न होने पर अपने चहेते अस्पताल मे रेफर कर देते है। यह झोलाछाप डॉक्टर बाकायदा मिनी नर्सिंग होम की तरह मरीजों को भर्ती कर ड्रिप लगाने के साथ-साथ महंगी और कमीशन वाली दवाइयां भी देने का काम करते हैं ।इलाके के लमकन गांव में जनपद फर्रुखाबाद से आकर एक डॉक्टर प्रत्येक दिन 100 से 150 मरीज को देखने का काम करता है । पिछड़ा एरिया होने के कारण डॉक्टर भोले भाले ग्रामीणों को दवाई के नाम पर ठगने का काम करता हैं।ग्रामीणों ने बताया काफी दिनों से यह डॉक्टर यहां आकर लोगों का इलाज कर रहा है । मजे की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से जानकर अनजान बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक झोला छाप डॉक्टर द्वारा हर महीने मोटी कमाई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास जाती है। जिससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ,अधिकारी इन झोलाछाप डॉक्टरों पर मेहरबान रहते ।और यह झोलाछाप डॉक्टर लगातार आम जन मानस की जान लेते रहते है। भले ही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का गृह जनपद है लेकिन उसके बाद भी डॉक्टरों की लगातार लापरवाही जारी है ।सबसे बड़ी बात यह है कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कब करवाई होगी यह तो देखने वाली बात होगी। या ठीक इसी तरह मेहरबान रहेगा इन झोला छाप डाक्टरों पर हरदोई का स्वास्थ्य विभाग।