हरदोई-भारतीय रेल को लोगों की लाइफ लाइन कहा गया है लेकिन अब यही भारतीय रेल लोगों की लाइफ के साथ खिलवाड़ करने लगी है। भारतीय रेल में समय के साथ कई बदलाव कर रही है जिसका लाभ रेल यात्रियों को मिल रहा है लेकिन यही भारतीय रेल गरीब और मध्यम वर्ग के लिए मुसीबत बनती जा रही है। एक समय में जहां ट्रेनों में जनरल और स्लीपर के कोच की संख्या अधिक होती थी वहीं अब बीते एक से दो वर्षों में लगातार ट्रेनों से स्लीपर और जनरल कोच की संख्या घट रही है। हाल यह है कि जनरल कोच ट्रेन में आगे या पीछे लग रहे हैं इसकी सटीक जानकारी भी रेल यात्रियों को नहीं लग पा रही है।स्लीपर कोच की बात की जाए तो स्लीपर कोच लगातार घटते जा रहे हैं। ऐसे में एक्सप्रेस मेल ट्रेनों में जनरल कोच के यात्री स्लीपर में यात्रा करते मिल रहे हैं जिसका खामियाजा स्लीपर में आरक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। जनरल कोच कम होने और जनरल कोच की सटीक जानकारी न होने के चलते यात्री अनारक्षित टिकट लेकर स्लीपर में यात्रा कर रहे हैं। दिन हो या रात हो अनारक्षित टिकट लेकर यात्रियों का स्लीपर कोच में यात्रा करना लगातार जारी है।ऐसे में आरक्षित टिकट के लिए अधिक रुपए देकर 2 से 3 महीने पहले टिकट बुक करा कर आराम से सफर करने की इच्छा रखने वाले यात्रियों को ट्रेन के अंदर भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि स्लीपर में आरक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्री शौचालय तक नहीं जा पा रहे हैं साथ ही लगातार यात्रियों को उनके सामान की चिंता भी सता रही है जिसकी जिम्मेदार केवल भारतीय रेल के अधिकारी हैं।
महिलाओं, बच्चो व बुजुर्गों को हो रही समस्या
भारतीय रेल के संचालन के साथ यात्री सुविधाओं का जिम्मा रेलवे बोर्ड संभालता है।रेलवे बोर्ड का कार्यालय दिल्ली में स्थित है वहीं भारतीय रेल 17 ज़ोन और 73 मंडल रेल कार्यालय में बटा हुआ है। यात्रियों को हो रही समस्या रेलवे बोर्ड और मंडल रेल कार्यालय को नजर नहीं आ रही है। लगातार रेल यात्री सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं लेकिन इन शिकायतों का ना ही रेलवे बोर्ड पर असर है और ना ही मंडल रेल कार्यालय पर कोई असर पड़ रहा है। भारतीय रेल अपने कोषागार को भरने के नए प्रयास में लगा हुआ है।हरदोई रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों की असुविधाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शाम होते-होते हरदोई रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में यात्री यात्रा करने के लिए पहुंच जाते हैं। हरदोई रेलवे स्टेशन का प्रतिदिन 10000 से अधिक का फुटफाल है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंचती है तो यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए काफी ज्यादा जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। जिसका उदाहरण फोटो में देखा जा सकता है।यह फोटो स्लीपर कोच की है। जहां यात्री बिना किसी भय के अनारक्षित टिकट लेकर आरक्षित कोच में यात्रा करने के लिए चढ़ जाते हैं। ऐसे में आरक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है। जनरल कोच ट्रेनों में एक या दो लग रहे हैं जबकि पहले से ही जनरल कोच में यात्रियों की संख्या दुगने चौगुनी होती हैं साथ ही जनरल कोच की ट्रेन में सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। यात्रियों ने बताया कि कभी जनरल कुछ आगे आता है तो कभी जनरल को पीछे।ऐसे में उन्हें पूरी ट्रेन का लंबा सफर तय करना होता है जबकि ट्रेन का ठहराव महज 2 मिनट का ही होता है। यात्रियों ने मांग की है कि रेलवे बोर्ड यात्रियों को हो रही असुविधा पर ध्यान दें। यात्रियों ने कहा कि जिस ट्रेन की मांग अधिक है उस ट्रेन की जनसाधारण क्लोन बनाकर संचालित कर दी जाए जिससे यात्रियों को लाभ मिल सके साथ ही मेल एक्सप्रेस ट्रेन में भी यात्रियों को हो रही असुविधा से बचाया जा सके।
इन ट्रेनों में है यात्रियों की भीड़
हरदोई रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं।यात्रियों की इस जद्दोजहद में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अगर समय से रेल प्रशासन नहीं जागा तो किसी दिन हरदोई या अन्य किसी रेलवे स्टेशन पर कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। हरदोई का प्लेटफार्म नंबर एक पहले से काफी नीचा है ऐसे में ट्रेन में चढ़ने के लिए महिलाओं बुजुर्गों को काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। स्लीपर कोच अब अनारक्षित कोच जैसा नजर आने लगा है। इसलिए स्लीपर कोच में चढ़ने के लिए भी यात्रियों को काफी कड़ी मशक़्क़त करनी पड़ रही है। कई बार रेल यात्री सोशल मीडिया पर रेल प्रशासन से इसकी शिकायत करते हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पाता है। हरदोई से होकर जाने वाली पंजाब मेल, चंडीगढ़ एक्सप्रेस, किसान एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, दिल्ली मेल, अवध असम एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है साथ इन ट्रेनों में स्लीपर कोच जनरल कोच की तरह नजर आ रहे हैं।