लखनऊ। सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि पूरे देश में सहकारिता के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों के हितों के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री की सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है।यह विचार इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, मरकरी हाल, गोमती नगर लखनऊ में राज्य निर्माण सहकारी संघ लि यूपीआरएनएसएस द्वारा 70वाँ अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह 2023 के अवसर पर सहकारिता क्षेत्र में ’’वर्तमान में सहकारी समितियों का विकास’’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री पूर्वात्तर क्षेत्र विकास एवं सहकारिता मंत्रालय बीएल वर्मा दीप प्रज्ज्वलित कर व्यक्त कर रहे थे।इस अवसर पर श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘सहकार से समृद्धि’’ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 06 जुलाई 2021 को पृथक सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने दो वर्षों के अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु महत्वपूर्ण कार्य किया गये हैं, जिनसे सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक विकास एवं विस्तार की नई संभावनाएं मिल रही हैं। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पैक्स को बहु-उद्देशीय बनाने के लिए आदर्श उपविधियां भी जारी कर दी गयी हैं। इससे 25 से अधिक नए क्षेत्रों जेसे डेयरी, मात्स्यिकी, भण्डारण इत्यादि में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पैक्स एलपीजी डिस्ट्रीव्यूटरशिप, पेट्रोल डीजल पंप डीलरशिप, जन औषधि केन्द्र, उर्वरक वितरण केन्द्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र, नाबार्ड के सहयोग से बैंक मित्र के रूप में कार्य कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों पर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य अथवा राज्य की सलाह मूल्य तक, गन्ने के उच्चतर मूल्यों के भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद में वरीयता एवं कोजेन बिजली संयंत्रों की स्थापना का भी कार्य किया जा रहा है। चीनी मिलों की सहायता के लिए शीरा पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। उन्होंने कहा कि सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों एआरडीबीएक का कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दी है।इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर ने कहा कि सहकारिता का विस्तार करके इसके तहत पूरे प्रदेश में कार्यक्रम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य बड़ा तय किया है और आप सबके सहयोग से इसे पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक सहकारी समितियों में सदस्य बनाये जाने के लिए सदस्यता अभियान चलाकर 30 लाख नये सदस्य बनाये गये जो कि एक कीर्तिमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय सहकारिता मंत्री एवं गृह मंत्री अमित शाह की संकल्पना है कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाना है, जिसमें सहकारिता विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने योजना तैयार करवायी है, जिसके तहत समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। पैक्स को मजबूत किये बिना सहकारिता को मजबूत नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण सहकारी संघ लि द्वारा निरन्तर शासन द्वारा आवंटित निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। सहकारिता विभाग सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों के हित के लिए कार्य कर रहा है। प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा ने बताया कि देश की आजादी के बाद से सहकारी सप्ताह मनाया जा रहा है। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण एवं उर्वरक सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से 10 करोड़ तक की आय वाली सहकारी समितियों के अधिभार को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। सहकारी समितियों की स्रोत पर कर कटौती किए बिना उनकी नकद निकासी सीमा को 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर को 3 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। राज्य निर्माण सहकारी संघ लि के प्रबन्ध निदेशक एके सिंह ने यह भी बताया कि राज्य निर्माण सहकारी संघ लि लखनऊ प्रदेश की एक ऋणमुक्त शीर्ष सहकारी संस्था हैै। संस्था को शासन द्वारा तृतीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सी के रूप में घोषित किया गया है। संस्था द्वारा 35 निर्माण प्रखण्डों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विभागों के निर्माण कार्य शासन के मंशा के अनुरूप उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ कराये जा रहे हैं। संस्था के कार्यो को गति प्रदान करने एवं गुणवत्ता पर नियत्रंण हेतु तैयार कराये साफ्टवेयर से मासिक प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की जाती है। यूपीआरएनएसएस विगत वर्षो से आर्थिक रूप से काफी सुदृढ हुआ है और निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। गुणवत्ता नियत्रंण के दृष्टिगत निर्माण सामग्रियों की टेस्टिंग हेतु संस्था द्वारा मुख्यालय पर लैब की स्थापना की गयी है। निर्माण कार्यो की टेण्डर प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए केवल ई-टेण्डर के माध्यम से निर्माण कार्य संपादित कराये जा रहे हैं तथा कराए गये कार्यों के भुगतान पारदर्शिता के साथ ई-बिल,ई-एमबी साफ्टवेयर के माध्यम से किये जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के वित्तीय वर्ष-2022-23 में 546.46 करोड़ के कार्य कराये जा चुके है, तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह अक्टूबर तक 394.00 करोड़ के कार्य कराये जा चुके है। राज्य निर्माण सहकारी संघ लि के सभापति प्रेम सिंह शाक्य द्वारा आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। गोष्ठी में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक बैंकिंग सहकारिता बी चन्द्रकला, अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक प्रशासन ईशा प्रिया, विशेष सचिव सहकारिता एनपी पाण्डेय, महाप्रबंधक नाबार्ड एसके डोरा, प्रो आईआईएम लखनऊ डॉ कुशान्कर डे, सभापति यूपीसीबी जितेन्द्र बहादुर सिंह, यूपीआरएनएसएस के उप सभापति आलोक सिंह तथा संचालक उपस्थित रहे।