हरदोई। हिन्दी भाषा के महत्त्व को समझने और वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष दस जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है। उसी के तहत शुक्रवार को शहर के शहीद उद्यान (कंपनी बाग) स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में ‘विश्व हिन्दी दिवस’ पर केन्द्र के संस्थापक व प्रख्यात नेचरोपैथ डा. राजेश मिश्र ने कहा कि हिन्दी हमारी समृद्ध और सशक्त भाषा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में हिन्दी बोलने वालों की संख्या बढ़ रही है। कहा हिन्दी पढ़ने-लिखने में आनन्द ही अलग है। श्री मिश्र ने वृन्दावन में हुए केशवधाम के लोकार्पण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उस कार्यक्रम में तत्कालीन आरएसएस प्रमुख कुप्पाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन जी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा था कि ‘राति सइयां ने मेरी बइयां मरोड़ी, हाइ दइया मैं तो शरमाइ गई’, इसका किसी भी भाषा में अनुवाद करो लेकिन यह भाव और आनन्द हिन्दी के अतिरिक्त अन्यत्र नहीं मिलेगा। कहा उस कार्यक्रम में कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह सहित कई हस्तियां मौजूद थीं,उन्हें भी नोएडा से बुलाया गया था। उन्होंने कहा हिन्दी बढ़ रही है और बढ़ती रहेगी। डा. सरल कुमार ने कहा कि 10 जनवरी 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था और तभी से यह दिन हर भारतीय के लिए विशेष महत्त्व रखता है। उन्होंने भारत में हुए अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलनों की चर्चा की। इस दौरान डा.अभिषेक पाण्डेय,डा.वीरेश शुक्ल, शिवकुमार, गोविन्द गुप्ता, दीपाली और अनामिका मौजूद रहीं।