हरदोई के अतरौली थाना क्षेत्र के ग्राम परसा में शनिवार को बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एचटी लाइन गिर कर एलएलबी छात्र अनुपम मिश्रा की जिंदा जलकर मौत हो जाने के मामले में परिजनों का ग़ुस्सा शान्त होता नहीं दिखायी पड़ रहा है। रविवार को पोस्टमार्टम होने के बाद शाम को शव आने से पहले ही परिजनों ने प्रदर्शन करने की योजना बना ली थी। इसकी भनक पुलिस को लगते ही प्रशासन ने जगसरा को छावनी में तब्दील कर दिया।
बता दें कि अतरौली थाने के परसा निवासी हरिशंकर मिश्रा का 22 वर्षीय पुत्र अनुपम मिश्रा एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। शनिवार को वह रघुनंदन सिंह महाविद्यालय से परीक्षा दे कर बाइक से लौट रहा था,उसी बीच जगसरा रोड पर पहुंचते ही ऊपर से निकला बिजली का 11 हजार का हाइटेंशन तार टूटकर अनुपम के ऊपर गिर पड़ा,तार की चपेट में आते ही बाइक में आग लग गई। अनुपम ने बचने की कोशिश की लेकिन उसका पैर बाइक में फंस गया और उसकी वहीं पर मौत हो गई थी।
रविवार को गांव के आस पास शव आने से पहले ही अतरौल संण्डीला कासिमपुर थाने का भारी पुलिस फोर्स तैनात हो गया था। सीओ सण्डीला सतेन्द्र सिंह भी मौके पर आकर डट गये। फायर ब्रिगेड की गाड़ी और एक बटालियन पीएसी भी हालातों को देखते हुए तैनात कर दी गयी थी। रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे शव आते ही परिजनों ने शव जगसरा परसा जाने वाले सम्पर्क मार्ग के किनारे रखकर अपनी मांग करने लगे। तहसीलदार सण्डीला भी मौके पर पहुंच गयीं। 30 मिनट तक वहीं पर मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे परिजन और तमाम ग्रामीणों की बात मौजूद अधिकारियों से नहीं बनी तो गुस्साये लोगों ने शव जगसरा में अतरौली सण्डीला रोड पर रख दिया। और कहा कि उच्च अधिकारी मौके पर आकर हमारी मांग पूरी नहीं करेंगे तो शव लेकर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय कूच करेंगे।
परिजनों ने कहा मिले 50 लाख व सरकारी नौकरी
बिजली विभाग की लापरवाही का आरोप लगाते हुए विभाग के जेई एसडीओ और एक्सईएन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद अब तीनों को निलम्बित किया जाय। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाय। पचास लाख रुपये का मुआवजा मृतक के परिजनों को या किसी एक को सरकारी नौकरी दिया जाय। साथ ही जर्जर पड़ी बिजली की लाइन को तुरन्त बदल कर मजबूत किया जाय और रास्तों पर लाइन के नीचे सपोर्टिंग लगायी जाय। जिससे आगे हादशोंं से बचा जा सके।
तहसीलदार ने दिया आश्वासन
तहसीलदार सण्डीला आकांक्षा ने मौके पर आकर परिजनों को लाइन बदलवाने और निलम्बित के लिए विभागीय कार्रवाई कराने को कहा। नियमानुसार जो मुआवजा मिल सकता होगा वह भी दिलाने आश्वासन दिया। नौकरी की मांग के लिए जिलाधिकारी को अवगत करायेंगे। इसके बाद ही परिजन माने और शव को लेकर घर गए।