हरदोई। घरों में कान्हा का जन्म हुआ। रात 12 बजते ही शंखनाद के साथ घंटा घड़ियाल बज उठे। कान्हा के जन्मोत्सव की खुशी में ‘नंद घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की’ जैसे भजन के स्वर घर-घर गूंजते रहे। लोगों ने कान्हा की आरती उतारी और फिर पकवानों का भोग लगाया।
श्रीकृष्ण के भक्तों ने कान्हा का जन्मोत्सव मनाने के लिए उपवास रखा। घर-घर भक्त दिन भर झांकी सजाने में लगे रहे। कृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित मनोहारी झांकियां सजाई गई। झांकियों को लेकर बच्चों में विशेष उत्साह रहा। महिलाओं ने पूरा दिन भगवान श्रीकृष्ण का भोग लगाने के लिए पकवान बनाएं व पंजीरी एवं चरणामृत, मेवा आदि का प्रसाद बनाया। रात 12 बजते ही जय श्रीकृष्ण के जयकारे गूंजने लगे। पूरा दिन उपवास रखने वाले भक्तों में अधिकांश ने खीरा काट कर भगवान श्रीकृष्ण जन्म मनाया। विधि विधान से दूध शहद और गंगाजल से लड्डू गोपाल को स्नान कराकर उसे चरणामृत के रूप में प्रसाद ग्रहण किया।