महिला आरक्षी की बहन के शव के साथ लूटपाट का मामला दो बार जांच के बाद भी शांत नहीं हुआ है। दरअसल दोबारा हुई जांच में सीएमओ द्वारा की गई कार्यवाही पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। बर्खास्त वार्ड बॉय ने सीएमओ पर फार्मासिस्ट को बचाने के आरोप लगाए थे इसके बाद फार्मासिस्ट भी कलेक्ट परिसर में घूमता नजर आया था इस मामले में सीएमओ द्वारा एक फार्मासिस्ट का तबादला सांडी तो जबकि दूसरे फार्मासिस्ट का तबादला संडीला कर दिया है। इस मामले में अब तक तीन संविदा कर्मचारी बर्खास्त हो चुके हैं। हालांकि सीएमओ द्वारा जिस फार्मासिस्ट का तबादला संडीला किया गया उस फार्मासिस्ट का तबादला पहले ही संडीला हो चुका था। ऐसे में सीएमओ पर एक बार फिर फार्मासिस्ट को बचाने के गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
आख़िर फ़ार्मासिस्ट पर इतनी महराबनी क्यों
सीएमओ द्वारा जिस फार्मासिस्ट का तबादला संडीला किया गया है उस फार्मासिस्ट पर पहले ही सीएमओ के साथ गाली-गलौज करने के आरोप लगे थे जिस पर उसका तबादला संडीला किया गया था।शव के साथ लूट के मामले में बर्खास्त वार्ड बॉय द्वारा फार्मासिस्ट पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों की जांच के लिए सीएमओ ने एक बार फिर टीम गठित की थी। जाँच टीम की रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने संडीला तबादला हुए फार्मासिस्ट पंकज सचान का तबादला फिर से संडीला कर दिया जबकि दूसरे फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार वर्मा का तबादला सांडी कर दिया है इस विषय पर जब सीएमओ डॉ रोहतास कुमार से जानकारी ली गई तो उनका जवाब इस मामले में हुई लीपा पोती की पोल खोलने के लिए काफी है।डॉक्टर रोहतास कुमार ने कहा कि पंकज सचान का पहला संडीला तबादला ऐसे ही कर दिया गया था लेकिन इस बार कार्यवाही करते हुए तबादला किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब पहले से ही पंकज सचान का तबादला संडीला था और वह संडीला में तैनात था तो हरदोई के पोस्टमार्टम हाउस मैं क्या करने के लिए आता था वही जब सीएमओ ने कार्रवाई की तो दोबारा ट्रांसफर उस ही स्थान पर कैसे कर दिया गया। कहीं ना कहीं शव के साथ लूट के मामले में छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराकर अपने चाहिते कर्मचारियों को बचाने में जुटा हुआ है।