शाहाबाद हरदोई। गांव स्तर पर गरीबों को 100 दिन रोजगार की गारंटी देने के लिये सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना लांच की गई लेकिन गरीबों और मजदूरों के हक की यह योजना भी भ्रष्टाचार की दीमक से नहीं बच सकी। ग्रामीण अंचलों में ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरियों ने इस योजना के नियमों को बला-ए-ताक रखकर मनमाने तरीके से क्रियान्वयन शुरू कर दिया। जिसके चलते जरूरतमंद गरीब लोग योजना में पात्र होते भी लाभान्वित नहीं हो सके। दूसरी ओर गांव में सम्पन्न व प्रभावशाली लोग के अलावा प्रधान के परिवार व रिश्तेदारों को जाब कार्ड जारी कर बिना काम किए मजदूरी का बंदरबांट किया गया है। ऐसा ही वाकया विकास खण्ड शाहाबाद की शरमा फत्तेपुर ग्राम पंचायत में प्रकाश में आया है। यहां मनरेगा एक्ट के नियमों को धता बताकर ग्राम प्रधान दयाशंकर ने पंचायत सेक्रेटरी से सांठगांठ कर मनरेगा जाब कार्ड को अपने परिवार में ही रेवड़ियों की तरह बांटकर मनरेगा योजना की मजदूरी का गोलमाल किया है। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि शरमा गांव का प्रधान खुद मनरेगा योजना में मजदूरी कर पैसे कमा रहा है। जाब कार्ड संख्या UP-30-029-064-002/26 ग्राम प्रधान दयाशंकर के नाम जारी है। जिसमें ग्राम प्रधान ने अपने पिता भीखम को भी जोड़ कर मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया है। वर्क डिमांड आईडी 75519 से ग्राम प्रधान ने स्वयं 14 मई 2022 से 27 मई 2022 तक कार्य किया गया है। इसके अलावा वर्क डिमांड आईडी 46435 से 29-5-2021 से 11-5-2021, वर्क डिमांड आईडी 6-10-2021से 19-102021 तक स्वयं कार्य किया है। इसके अलावा प्रधान के पिता भीखम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 28 दिन काम करके 5712र रूपये, 2023-24 में 73 दिन काम के बदले 16790 रूपये, 2024-25 में 80 दिन काम कर 18,960 रुपया प्राप्त किया है। कुल मजदूरी 41, 462 रूपये का भुगतान प्राप्त किया है। इसी प्रकार प्रधान की माता शीला देवी पत्नी भीखम भी मनरेगा योजना में काम कर रही हैं। जिनका जाब कार्ड संख्या UP30-029–064-002/619 है। प्रधान ने अपनी माता को 2821-22 में 28 दिन काम दिया जिसके बदले 5712 रूपये मजदूरी भुगतान की। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूरे 100 दिन काम देकर मजदूरी का भुगतान 29411.94 पैसा का भुगतान किया है। इसके अलावा अपने सगे भाई अंकुर पुत्र भीखम का जाब कार्ड संख्या UP-30-029-064-002/677 जारी कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 41दिन की मजदूरी 8, 364 वित्तीय वर्ष 2022-23 में 83 दिन की मजदूरी 17, 679रू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 81 दिन की मजदूरी का भुगतान 18, 630 व वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 दिन की मजदूरी 23, 699.94 रूपये का भुगतान किया। इस प्रकार प्रधान ने अपने सगे भाई को मजदूर के रुप में 68,342.94 रूपया दिया है। इसके अलावा अगर गहराई से जांच की जाये तो और परिवार के लोगों के जाब कार्ड निकलेंगे जिन लोगों ने बिना काम किए नियम विरुद्ध मजदूरी प्राप्त की है, जो कि मनरेगा एक्ट के नियमों के एकदम विपरीत है। ऐसे में सरकार को मनरेगा एक्ट के नियमों व प्रावधानों का उल्लघंन कर पारदर्शिता को ठेंगा दिखाया है, जो कि मुख्यमंत्री के जीरो टारलेंस की नीति की बड़ी चुनौती है।
जिम्मेदारों ने नहीं उठाया फोन
शाहाबाद के खंड विकास अधिकारी दिनेश शर्मा से उनके सरकारी सीयूजी नंबर तथा प्राइवेट मोबाइल नंबर से उनका वर्जन लेने का प्रयास किया गया लेकिन लगातार घंटी जाती रही मोबाइल से कोई रिस्पांस नहीं मिला। ठीक इसी तरह ग्राम पंचायत अधिकारी आक्रोश कुमार वर्मा के मोबाइल पर भी लगातार घंटी जाती रही लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया गया।