शाहाबाद हरदोई। विकासखंड भरखनी में विद्या ज्ञान प्रवेश परीक्षा के प्रथम चरण में चयनित हुए बच्चों और उनके अभिभावकों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टर सर्वेष्ट मिश्र, राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक/ प्रधानाध्यापक पीएम श्री विद्यालय मूडघाट,
बस्ती सदर, बस्ती
सदस्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्टीयरिंग कमेटी उत्तर प्रदेश शासन,राघव प्रकाशन सहित अन्य कई प्रकाशनों में लेखक विनोद कुमार (आगरा)
अजय कुमार (बनारस) एवं बच्चों के शैक्षिक विकास हेतु संचालित यूट्यूब चैनल के संचालक
श्री नारायण लाल
(हरदोई) भी गूगल मीट के माध्यम से उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम ब्लाक संसाधन केंद्र भरखनी में आयोजित हुआ। जहां कार्यक्रम की अध्यक्षता खण्ड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने की। इस अवसर पर चयनित विद्यालयों के शिक्षक और बच्चों के अभिभावक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य चयनित बच्चों को उनकी मेहनत और सफलता के लिए सम्मानित करना तथा शिक्षकों को नए शैक्षिक दृष्टिकोण से अवगत कराना था, ताकि वह अपनी कक्षाओं में बच्चों के बेहतर शैक्षिक विकास के लिए और अधिक प्रभावी तरीके से कार्य कर सकें। इस कार्यशाला में बच्चों की मानसिक और शैक्षिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, शिक्षकों को नई और प्रभावी शैक्षिक पद्धतियों से अवगत कराया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था विद्या ज्ञान प्रवेश परीक्षा के द्वतीय चरण में बच्चों को कैसे सफलता मिल सके । कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “हमारे बच्चों की सफलता ही हमारी सफलता है। विद्या ज्ञान प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हम बच्चों को एक मंच प्रदान करते हैं, जिससे वे अपनी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ सकें। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराता है।”कार्यशाला के दौरान एजूकेटर्स ग्रुप के सदस्यों ने नई शिक्षण पद्धतियों, बच्चों के मानसिक विकास, और अभिभावकों के सहयोग के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में शिक्षक, अभिभावक और बच्चे मिलकर एक त्रि-स्तरीय सहयोग से बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कार्यशाला में शिक्षकों को मनोविज्ञान आधारित शिक्षण पद्धतियाँ, टेक्नोलॉजी के प्रयोग से शिक्षा, और कक्षा के अंदर बच्चों की मानसिक स्थिति को समझकर शिक्षा देने के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को सिर्फ अकादमिक सफलता ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और भावनात्मक विकास पर भी ध्यान देना जरूरी है।
कार्यक्रम के अंत में, विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा के प्रथम चरण में चयनित बच्चों को परुस्कार दिए गए। इसके अलावा, उनके अभिभावकों को भी उनके बच्चों की सफलता में सहयोग देने के लिए सम्मानित किया गया। चयनित बच्चों की मेहनत और उनकी सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कहा, “यह हमारी सामाजिक और शैक्षिक जिम्मेदारी है कि हम बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करें, जिससे वे आत्मनिर्भर और समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।”
कार्यक्रम के दौरान, अभिभावकों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि बच्चों की शिक्षा में उनके लगातार सहयोग और समर्थन ने उनके बच्चों की सफलता में अहम भूमिका निभाई है। अभिभावकों ने यह भी माना कि बच्चों की सफलता के लिए शिक्षकों का मार्गदर्शन और उचित शिक्षा प्रणाली का बहुत बड़ा योगदान है।