लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए अप्रैल माह की 19 तारीख को सात चरण में होने वाले इस चुनाव का पहला चरण शुरू होगा। इसमें देश के 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे।प्रत्याशियों के लिए राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक जीतोड़ प्रचार में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी हो या फिर कांग्रेस से लेकर अन्य राजनीतिक दल, सभी इन पूरी ताकत झोंक रहे है। पहले चरण में आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों की भी कमी नही।पहले चरण में कितने आपराधिक प्रत्याशी मैदान में हैं किस दल से सबसे ज्यादा ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है।लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है।पहले चरण में प्रत्याशियों की संख्या 1625 है। इतने उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है।इनमें 1618 प्रत्याशियों ने अपना चुनावी हलफनामा दिया है।इसी आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने एक डाटा तैयार किया है जिसके मुताबिक इस बार पहले चरण के लिए होने वाले मतदान में 16 फीसद उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं।पहले चरण की वोटिंग में 252 उम्मीदवर आपराधिक छवि वाले हैं।1618 प्रत्याशियों में इनकी संख्या 16 प्रतिशत है। गंभीर आपराधिक मामले की बात करें तो ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 161 है यानि कुल कैंडिडेट्स के 10 फीसदी प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराध के केस दर्ज हैं।फर्स्ट फेज की वोटिंग के दौरान उम्मीदवारों में से 15 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर कोर्ट ने दोष भी सिद्ध कर दिया है।पहले चरण के 15 कैंडिडेट पर क्रिमिनल केस होने के बाद दोष साबित हो चुका है।मतदान के पहले चरण में 19 अप्रैल को 7 ऐसे भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे जिन पर आईपीसी 302 की धारा के तहत हत्या से संबंधित केस हैं। इन उम्मीदवारों ने हलफनामे में इस बात की घोषणा की है। आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों में डेढ़ दर्जन उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित केस हैं। उम्मीदवारों में 15 फीसदी से ज्यादा ऐसे उम्मीदवारों में एक प्रत्याशी ऐसा है जिस पर आईपीसी 376 की धारा के तहत रेप का केस है। इन प्रत्याशियों के अलावा भड़काऊ भाषण देने वाले उम्मीदवारों को भी राजनीतिक दलों ने अपने टिकट पर चुनाव लड़ाने की घोषणा की है। 35 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनपर भड़काऊ भाषण के मामले चल रहे हैं।इनउम्मीदवारों ने हलफनामे में इस बात का जिक्र किया है।आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा प्रतिशत राष्ट्रीय जनता दल का है।राजद ने पहले चरण में चार उम्मीदवारों की टिकट दिया है जिनमें चारों ही आपराधिक छवि वाले हैं।दूसरे नंबर पर डीएमके है जिसके 59 प्रतिशत प्रत्याशी दागी हैं। इसके बाद एसपी 43,एआईटीसी ने 40 प्रतिशत कैंडिडेट्स को चुनावी मैदान में उतारा है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद इस बार भी राजनतीकि दलों ने दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है।इससे पहले भी देश की शीर्ष अदालत ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में न उतारने की नसीहत दे चुकी है लेकिन 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में दलों की ओर से दागी प्रत्याशियों को मौका दिया गया। ऐसे उम्मीदवारों ने चुनाव जीतने के बाद जन प्रतिनिधि बनने की उपलब्धि हासिल की है। इसके पीछे राजनीतिक दलों की ओर से तर्क हैं कि इन उम्मीदवारों की लोकप्रियता बढ़ी है, ये प्रत्याशी अब अच्छे सामाजिक कामों में जुटे है।इन कारणों के साथ पॉलिटिकल पार्टीज अपने-अपने दल से दागी यानि आपराधिक छवि वाले कैंडिडेट को मौका दे रही है।