लखनऊ। राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत हासिल करने पर पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति में कुछ बदलाव किया है। सूत्रों की माने तो पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 75 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले जिताऊ सांसदों को एक बार फिर टिकट देने का मन बनाया है जिसके चलते बरेली लोकसभा सीट से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, प्रयागराज इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर लोकसभा सीट से सत्यदेव पचौरी, डुमरियागंज लोकसभा सीट से जगदंबिका पाल, मथुरा लोकसभा सीट से सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी, मेरठ लोकसभा सीट के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, फिरोजाबाद लोकसभा सीट के सांसद चंद्रसेन जादौन को फिर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
यह 2019 में भी चुनाव जीत कर सांसद बने थे।2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाला गया था। पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कई बड़े नेताओं को टिकट नहीं मिला था।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक की उम्र पूरी करने वाले विधायकों के टिकट काट दिए थे। यूपी सरकार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल, मुकुट बिहारी वर्मा, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायणदीक्षित समेत कई विधायक शामिल थे।पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी।उस वक्त 75 वर्ष से अधिक की उम्र वाले नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया। उन्हें पार्टी में कोई पद न देने का निर्णय किया गया। इस वजह से लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के अलावा 75 वर्ष से अधिक की उम्र पूरी करने वाले शांता कुमार, बीसी खंडूड़ी, हुकुमदेव यादव, करन मुंडा, विजय चक्रवर्ती समेत कई नेताओं को शामिल नहीं किया गया था।75 की उम्र पूरी करने पर कलराज मिश्र, नजमा हेपतुल्ला को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। 2019 के चुनाव में 75 की उम्र वाले नेताओं को टिकट न देने पर विचार हुआ मगर चुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले कई नेताओं को टिकट दिए थे।इसमें राजस्थान के जोधपुर से सूर्यकांता व्यास, भीलवाड़ा से कैलाश मेघवाल और बीकानेर से गोपाल जोशी को चुनाव लड़ाया गया था।भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी समीकरणों का ख्याल रखते हुए 75 की उम्र पूरी करने वाले नेताओं को टिकट दिए थे। मध्य प्रदेश में 80 वर्षीय नागेंद्र सिंह को नागौर विधानसभा सीट से टिकट दिया था।उन्होंने लंबे अंतर से जीत दर्ज की।रीवा जिले की गुड़ विधानसभा से 81 वर्षीय नागेंद्र सिंह, स्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 79 साल के बाबूलाल मेवरा को टिकट दिया।राजस्थान के अजमेर जिले की अजमेर उत्तर सीट से 75 वर्षीय वासुदेव देवनानी और गुजरात विधानसभा चुनाव में 76 वर्षीय योगेश पटेल को मंजुलपुर से टिकट दिया गया।मध्य प्रदेश चुनाव 70 से अधिक उम्र वालों में 11 विधायकों ने जीत दर्ज की।बरेली लोकसभा सीट से सांसद संतोष गंगवार 1980 में पहली बार बरेली की भोजीपुरा विधानसभा से चुनाव लड़े थे मगर हार गए थे। 1984 में भी लोकसभा चुनाव में हार गये।1989 में कांग्रेस की सांसद बेगम आबिदा को चुनाव हराकर सांसद बने थे 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में सांसद चुने गए लेकिन 2009 में चुनाव हार गए थे। 2014 और 2019 में फिर सांसद बने। सांसद संतोष गंगवार केंद्र सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपड़ा मंत्रालय, संसदीय कार्य राज्य मंत्री,जल संसाधन नदी विकास, पेट्रोलियम एवं गैस राज मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री वित्त मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय समेत कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। पिछला लोकसभा चुनाव 167282 वोटो से जीत कर सांसद बने थे। अगर एमपी और राजस्थान में अपनाया गया फार्मूला पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी अपनाया तो पुराने दिग्गज सियासी पहलवान 2024 में चुनावी मैदान में होंगे।