शाहाबाद हरदोई। लालपुर गांव में लापता कक्षा पांच के छात्र आयुष का गन्ने के खेत में क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद पुलिस की टीमें लगातार घटना के खुलासे के प्रयास में हैं। वहीं बालक की कुकर्म के बाद हत्या और बलि से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि पुलिस कुकर्म के बाद बालक की हत्या को मूल कारण मानकर जांच कर रही है। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लालपुर निवासी नेतराम का 11 वर्षीय पुत्र आयुष 18 अक्टूबर की रात्रि 9:00 बजे दरवाजे पर खेलते समय गायब हो गया था। देर रात तक उसकी तलाश की गई परंतु आयुष का पता नहीं चल सका। दूसरे दिन आयुष के पिता ने शाहाबाद कोतवाली में तहरीर देकर मामला पंजीकृत कराया। पुलिस ने मामला पंजीकृत होने के बाद बालक का तलाशी अभियान तेज कर दिया। बुधवार की दोपहर गांव के कुछ लोग खेतों पर काम कर रहे थे तो गन्ने के खेत से भयंकर बदबू आने की वजह से जब उसमें झांक कर देखा तो आयुष का क्षत-विक्षत शव पड़ा हुआ था। घटना की सूचना परिजनों को दी गई। रोते बिलखते परिजन खेत पर पहुंचे। तत्काल पुलिस को सूचना मिली। सूचना पाकर क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार मिश्रा, प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया। उसके बाद पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन भी घटनास्थल पर गए और बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कोतवाली पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मृतक बालक के पिता ने अपने गांव में किसी से भी दुश्मनी होने से इनकार किया है और किसी पर संदेह भी नहीं व्यक्त किया। एसपी ने घटना के खुलासे को लेकर एएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। पुलिस बालक की कुकर्म के बाद हत्या किए जाने की बात मानकर जांच पड़ताल कर रही है। गांव में दबी जवान ग्रामीण भी इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं कि हो सकता है आयुष की कुकर्म के बाद पकड़े जाने के भय से हत्या कर दी गई हो और शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया। दूसरी ओर ग्रामीण इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं कि आयुष बलि का शिकार भी हो सकता है। कुछ ग्रामीणों ने दबी जुबान बताया जुड़वा भाइयों की बलि देने की एक पुरानी परंपरा है, इसलिए हो सकता किसी ने आयुष के जुड़वा होने की वजह से अपने किसी मकसद को पूरा करने की लालसा में उसकी बलि दे दी हो। आयुष का शव क्षत-विक्षत पाए जाने पर पुलिस का मानना है कि जंगली जानवरों द्वारा उसको नोंचा गया। आयुष हत्याकांड खुलासे को लेकर प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह गांव तथा आसपास के अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर नजर रखे हुए हैं और उनकी कुंडली को खंगाली जा रही है। पुलिस की टीमें लगातार गांव तथा आसपास के दागी लोगों की गतिविधियों पर नजर रखे हैं। फिलहाल बालक आयुष की कुकर्म के बाद हत्या और बलि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।