हरदोई- रेल ट्रैक पर आवारा पशुओं व आसपास रह रहे लोगों के आने का भय लगातार बना रहता है। कई बार ट्रेन के चपेट में आने से लोगों की मौत तक हो गई है। जबकि खेतों से चरते अन्ना मवेशी रेल ट्रैक तक पहुंच जाते हैं जिसके चलते ट्रेन से कटकर उनकी मौत हो जाती है वहीं रेलवे को भी इसके चलते नुकसान उठाना पड़ा है। आवारा मवेशियों के रेल ट्रैक पर आने से रेल यातायात तो बाधित होता ही है इसी के साथ यात्रियों को भी काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। आए दिन कहीं ना कहीं रेल ट्रैक पर मवेशियों के आ जाने से हादसे हो रहे हैं। देश में अब वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन का संचालन हो रहा है। वंदे भारत ट्रेन को लेकर रेल प्रशासन लगातार कार्य योजना बना रहा है। उसी क्रम में रेल प्रशासन द्वारा ट्रैक के किनारे दोनों और बाउंड्री वॉल बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। हरदोई में भी रेल ट्रैक के किनारे दोनों और बाउंड्री वॉल बनाने का कार्य किया जा रहा है।
एक साल में लगभग 10 किलोमीटर बनेगी बाउंड्री
हरदोई में कई बार रेल ट्रैक पर मवेशियों के आ जाने से ट्रैक बाधित हुआ है।कई बार मवेशी ट्रेन से कट गए हैं जिसके चलते ट्रेन काफी देर तक खड़ी भी रही हैं। हरदोई में ही एक बार एक साथ कई अन्ना भविष्य की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी जिसके चलते कई ट्रेनें प्रभावित हुई थी।लखनऊ से देहरादून के बीच वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जा रहा है ऐसे में वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन में किसी भी तरह का अवरोध ना आए इसको लेकर रेल प्रशासन कार्य कर रहा है। हरदोई से मलिहाबाद और आँझी शाहाबाद तक ट्रैक के दोनों और बाउंड्री वॉल को बनाया जाना है। रेल ट्रैक के दोनों और लगभग 8 से 10 फीट ऊंचे सीमेंटेड बाउंड्री वॉल को बनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष लगभग 10 किलोमीटर तक बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जाएगा।वर्तमान समय में हरदोई के खदरा क्रॉसिंग से लखनऊ की ओर जाने वाले रेल ट्रैक के दोनों और लगभग 1 किलोमीटर तक बाउंड्री वॉल का कार्य लगभग हो चुका है। रेल ट्रैक के दोनों और बाउंड्री वॉल बन जाने से मवेशियों और लोगों के रेल ट्रैक पर आने का खतरा समाप्त हो जाएगा।इसके बाद वंदे भारत समेत अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन बिना किसी अवरोध के हो सकेगा।