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रेल अधिकारियों की लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा, निर्माणाधीन अंडरपास में मिट्टी का टीला ढहने से एक श्रमिक की मौत चार घायल

रेल अधिकारियों की लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा, निर्माणाधीन अंडरपास में मिट्टी का टीला ढहने से एक श्रमिक की मौत चार घायल

हरदोई

हरदोई जनपद के बालामऊ रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक हादसा हो गया। जहां निर्माणाधीन अंडरपास की मिट्टी धसने से एक श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हादसा निर्माण कार्य के दौरान घटित हुआ है। हादसे में घायल श्रमिकों को बेहतर उपचार के लिए स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। घटना के बाद रेल अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक श्रमिक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक बिना किसी सुरक्षा मानक को पूरा किए निर्माण कार्य कराया जा रहा था जिसके चलते यह हादसा हुआ है। बालामऊ से लेकर हरदोई में चले निर्माण कार्य में लगातार अधिकारियों द्वारा अनियमिताएं बरती जा रही हैं।निर्माण कार्य के दौरान मजदूरो को कोई भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं साथ ही निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री भी मानक के विहीन प्रयोग हो रही है।

निर्माण कार्यो में जमकर हो रही अनदेखी

स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए बन रहा अंडरपास एक श्रमिक की मौत का कारण बन गया है। श्रमिक की मौत अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदार की अनदेखी के चलते मानी जा रही है। मुरादाबाद लखनऊ रेल खंड के अंतर्गत बालामऊ जंक्शन के निकट गेट संख्या 257 सी पर अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है। इसी दौरान शुक्रवार की दोपहर निर्माण के समय अंडरपास में खुदाई का कार्य श्रमिक कर रहे थे कि तभी अचानक मिट्टी का टीला डह गया जिसकी चपेट में आकर हरि निषाद, सोनू, दिव्यांशु, पिंटू व सरल मलबे में दब गए। मजदूरों की चीख पुकार सुन आसपास कार्य रहे श्रमिकों में हड़कंप मच गया। अंडरपास का कार्य कर रहे अन्य श्रमिकों ने जेसीबी व मशीनों की मदद से कड़ी मशक्कत कर मिट्टी के टीले में दबे श्रमिकों को बाहर निकाला लेकिन जब तक हरि निषाद पुत्र छेदीलाल निवासी रोहिली थाना दिबियापुर जिला औरैया कि हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।जानकारी के मुताबिक बरसात होने के कारण मिट्टी का टीला गीला था। बरसात होने के बाद भी ठेकेदार ने कार्य चालू रखा जिसके चलते यह हादसा घटित हुआ। निर्माण कार्य के दौरान रेलवे का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था ना ही रेलवे के अधिकारी निर्माण के समय मौके पर मौजूद रहते हैं।मंडल से अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान केवल अधिकारियों की मौजूदगी देखने को मिलती है जिसके बाद अधिकारी वापस चले जाते हैं और पूरा कार्य संबंधित ठेकेदार की देखरेख में चलता रहता है जिसमें मानकों की जमकर अनदेखी की जाती है।

निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति, अधिकारियों की सुनते डीआरएम, चौथे स्तंभ से बनाते दूरी

बालामऊ रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य पर डीआरएम मुरादाबाद राजकुमार सिंह खासा नजर बनाए हुए हैं। गुरुवार को भी डीआरएम मुरादाबाद में बालामऊ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया था अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की थी लेकिन उसके बाद भी यह हादसा हो जाना डीआरएम के निरीक्षण पर भी सवाल खड़े कर रहा है। डीआरएम ने अपने निरीक्षण के दौरान अंडरपास के चल रहे कार्य को लेकर जिम्मेदारों को क्यों नहीं निर्देशित किया। अगर समय रहते डीआरएम इस बाबत अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते तो यह हादसा घटित होने से बच सकता था। डीआरएम राजकुमार सिंह पर पहले भी निरीक्षण में सिर्फ खानापूर्ति करते आ रहे हैं।हरदोई रेलवे स्टेशन पर भी निर्माण कार्य का निरीक्षण तो जरूर डीआरएम कर रहे हैं लेकिन जो निर्देश जो जांच डीआरएम को करनी चाहिए शायद वह नहीं हो पा रही है।डीआरएम राजकुमार सिंह हरदोई और बालामऊ रेलवे स्टेशन पर जन प्रतिनिधियों सामाजिक संगठनों और पत्रकारों से अगर निरीक्षण के दौरान वार्ता करें तो स्टेशनों पर अनियमितता और असुविधाओं की जानकारी डीआरएम तक पहुंच सके जिस पर कार्रवाई डीआरएम करें सके

मंडल रेल अधिकारियों ने नहीं उठाया फ़ोन

घटना से संबंधित जानकारी के लिए डीआरएम राज कुमार सिंह को फ़ोन किया तो उन्होंने फ़ोन बिजी कर दिया यही हाल सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता का भी रहा उन्होंने भी फ़ोन बिजी कर दिया जबकि सीनियर डीसीएम के पास सीपीआरओ की भी जिम्मेदारी है।मंडल के रेल अधिकारियों का यह रवैया अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है।

मोहित शर्मा

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