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राज्यसभा चुनाव: 2018 का इतिहास दोहराने जा रही बीजेपी

राज्यसभा चुनाव: 2018 का इतिहास दोहराने जा रही बीजेपी

लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में भाजपा आठ प्रत्याशी मैदान में उतारकर 2018 का इतिहास दोहराने जा रही है। 2018 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पास आठ प्रत्याशी ही जिताने के लिए पर्याप्त मत थे, लेकिन उसने डॉक्टर अनिल अग्रवाल को 9वें प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा दिया था। डॉ. अग्रवाल कई शिक्षण संस्थानों के संचालक और पूंजीपति हैं। भाजपा ने बसपा विधायक अनिल सिंह, सपा के तत्कालीन विधायक नितिन अग्रवाल, रालोद के सहेंद्र सिंह रमाला का वोट हासिल किया था। डॉ. अनिल अग्रवाल सर्वाधिक वोटों से जीते थे।इस बार भी भाजपा ने 8वें प्रत्याशी संजय सेठ को जिताने के लिए सपा में से सेंधमारी की तैयारी शुरू की है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह समेत अन्य नेताओं को इस कार्य में लगाया गया है। निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दूबे के मुताबिक विधानसभा में सदस्य संख्या  399 है। उसके आधार पर एक प्रत्याशी को जीतने के लिए न्यूनतम 37 मतों का आकलन किया गया है। उनका कहना है कि जितने विधायक मतदान करेंगे उनकी कुल संख्या के आधार पर एक राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों का आकलन किया जाएगा। यदि विधायक अनुपस्थित रहते हैं तो जीत के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों की संख्या में कमी भी हो सकती है।राज्यसभा चुनाव के जानकारों का मानना है किराज्यसभा चुनाव में 10 सीटों पर 11 प्रत्याशी होने के कारण मतदान के बाद एकल संक्रमणीय पद्धति से मतगणना होगी। भाजपा और सपा को अपने प्रत्याशियों को सामान वोट दिलाने की जगह वरीयता के क्रम में मतदान कराना होगा। उदाहरण के तौर पर भाजपा के सभी विधायक अपना मत प्रथम और द्वितीय वरीयता के क्रम में देंगे।सपा के पास भी पर्याप्त मत नहीं होने के कारण उसे भी यही फार्मूला अपनाना होगा। मतों की गणना में जिन प्रत्याशियों के पास वरीयता के क्रम में सबसे पहले 37 वोट हो जाएंगे, उन्हें विजयी घोषित किया जाएगा। उसके बाद बची सीटों के लिए द्वितीय वरीयता के मतों की गणना की जाएगी।

निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दूबे ने बताया कि 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में होने के कारण अब प्रथम और द्वितीय वरीयता के मतों के आधार पर मतों की गिनती होगी। पहली वरीयता में जिन्हें 37 वोट मिलेंगे, उन्हें पहले विजयी घोषित किया जाएगा। उसके बाद द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती की जाएगी। द्वितीय वरीयता में जिस प्रत्याशी के पास अधिक वोट होंगे, वह विजेता होगा।

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