हरदोई में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के निर्देश पर चला अतिक्रमण अभियान 1 सितंबर से शुरू हुआ।अभियान की शुरुआत में नगर मजिस्ट्रेट एसके त्रिवेदी ने काफी सख्त रुख़ अपनाया लेकिन अभियान के चौथे पांचवें दिन सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अतिक्रमणकारियों को मोहल्ले देने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। अतिक्रमणकारियों से लिखित आश्वासन लेने के बाद नगर मजिस्ट्रेट ने सभी अतिक्रमणकारियों को तीन दिवस की मोहल्ला दे दी हालांकि इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों का रवैया जरूर भेदभाव भरा रहा। जिला प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ अभियान पर सवाल भी खड़े होने लगे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बड़े प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर नहीं चलाया बल्कि उनको मोहल्ला दे दी वहीं रोज कमाने खाने वाले खोखे के दुकानदारों को मोहलत नहीं दी और उन पर अतिक्रमण की कार्यवाही हुई।जिम्मेदारों द्वारा धोखे के बाहर पड़ी लकड़ी को अधिकारियों ने अतिक्रमण बताते हुए ज़प्त करा दिया जबकि बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों के बाहर बने पक्के चबूतरा को मोहलत दे दी गई। शहर के प्रमुख मार्गो को अतिक्रमण के लिए चुना गया था। प्रतिदिन शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अतिक्रमण अभियान पर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं।
दुकानदारों ने माँगी थी तीन दिन की मोहलत
हरदोई में अधिकांश व्यापारियों ने तीन दिन की मोहलत नगर मजिस्ट्रेट से लिखित तौर पर मांगी गई थी लेकिन ज्यादातर प्रतिष्ठान और दुकानदारों द्वारा मांगी गई मोहल्ला पूरी हो गई लेकिन अब तक अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। जिला प्रशासन की ओर से दी गई मोहलत के बाद भी अब तक प्रशासन ने मोहलत देने वाले क्षेत्रों में दोबारा अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया है और ना ही मोहलत मांगने वाले प्रतिष्ठान और दुकान संचालकों ने स्वयं से अतिक्रमण हटाया है। सबसे ज्यादा अतिक्रमण सिनेमा चौराहे से बड़े चौराहे और पुलिस लाइन से अस्पताल तिराहे पर देखने को मिल जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा जारी कई गई अतिक्रमण हटाओ अभियान की सूची में रेलवे गंज सर्कुलर रोड कैनल रोड रामदत्त चौराहे से बड़े चौराहे वाले मार्ग को अतिक्रमण की गिनती में नहीं रखा हालांकि इस बावत नगर पालिका ईओ कहा कि दूसरे चरण में इन मार्गों से अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत होगी। अब देखने वाली बात यह होगी क्या नगर पालिका और जिला प्रशासन के अधिकारी मोहलत मांगने वालों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्यवाही करेंगे या फिर बड़े प्रतिष्ठानों को मोहलत देने और राहत देने का यह जिला प्रशासन और नगर पालिका का एक अनूठा प्रयास था।शहर के बावन चुंगी से लेकर रामदत्त चौराहे तक चले अतिक्रमण हटाओ में एक नागरिक द्वारा नगर मजिस्ट्रेट से मोहलत देने और बड़े प्रतिष्ठानों पर अतिक्रमण की कार्रवाई न होने का प्रश्न किया जिस पर नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि किसी को भी अतिक्रमण करने नहीं दिया जाएगा मोहलत मांगने वालों पर भी जल्द ही अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्यवाही की जाएगी। नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिन व्यापारियों व आवास स्वामियों को अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी गई वह खुद अतिक्रमण हटा ले अन्यथा जेसीबी से उनका अतिक्रमण हटा दिया जाएगा और शमन शुल्क भी वसूला जाएगा। ऐसे लोगों का जल्द फॉलो कराया जाएगा।समय-समय पर अभियान चलाया जाता रहेगा। नगर पालिका के ईओ विनोद कुमार सोलंकी ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान 14 सितंबर तक जारी रहेगा। 14 सितंबर के बाद जिन लोगों ने मोहलत मांगी थी उन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्यवाही की जाएगी।