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महाकवि कालिदास की रचना का सटीक पद्यानुवाद करना बड़ी बात- प्रो. ओ.पी.मिश्र

महाकवि कालिदास की रचना का सटीक पद्यानुवाद करना बड़ी बात- प्रो. ओ.पी.मिश्र

🔺अभिज्ञान शाकुन्तलम् (पद्यानुवाद) का हुआ लोकार्पण

हरदोई २ सितम्बर।

हिन्दी पखवाड़ा में महाकवि कालिदास की कृति ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ का पंडित श्याम सुन्दर त्रिपाठी ‘श्याम’ ने आसान शब्दों में पद्यानुवाद करके समस्त हिन्दी प्रेमियों के लिए पठनीय बना दिया है। पुस्तक का लोकार्पण करते हुए विद्वानों ने श्री त्रिपाठी जी की रचना को पाठकों के लिए उपयोगी बताया।

शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में सोमवार को पंडित श्याम सुन्दर त्रिपाठी ‘श्याम’ की पुस्तक ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ (पद्यानुवाद) को लोकार्पित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर ओ.पी. मिश्र ने कहा कि हिन्दी पखवाड़ा के प्रारम्भ होने पर श्री त्रिपाठी जी की प्रथम काव्यकृति को लोकार्पित करते हुए हर्ष हो रहा है। उन्होंने कहा कि अभिज्ञान का अर्थ है परिचय। कहा कि महाकवि कालिदास की रचना का सटीक पद्यानुवाद करना बहुत बड़ी बात है। पुस्तक में भाषा का सौन्दर्य है। प्रोफेसर मिश्र ने कहा त्रिपाठी जी भारतीय संस्कृति की धारा के साथ बहते हैं। उन्होंने कहा कि श्री त्रिपाठी जी शतायु हों और ऐसे कई ग्रन्थों का अनुवाद करें। 

विशिष्ट अतिथि डॉ. राघवेन्द्र मिश्र ने कहा कि जिस प्रकार गोस्वामी तुलसीदास जी ने बाल्मीकि रामायण की कथा को लोकभाषा अवधी में प्रस्तुत किया था, ठीक उसी प्रकार आदरणीय त्रिपाठी जी ने पद्यानुवाद करके महान कार्य किया है। मैं उन्हें हरदोई जनपद के गोस्वामी तुलसीदास की संज्ञा से अलंकृत करना चाहता हूं।

पुस्तक रचयिता श्याम सुन्दर त्रिपाठी ‘श्याम’ ने कहा कि मैं अकिंचन हूं लेकिन जो मैंने इस पुस्तक को रूप दिया है, इसे पढ़ेंगे तो नि:सन्देह आपको अच्छा लगेगा।अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर अखिलेश वाजपेई ने कहा कि अभिज्ञान शाकुन्तलम् का विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ है लेकिन इस नाटक को काव्यात्मक स्वरूप देकर कृतिकार श्री त्रिपाठी जी ने बड़ा काम किया है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सुशील कुमार वर्मा ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। अतिथियों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। संचालन डॉ. राजेश मिश्र ने किया। लोकार्पण समारोह में अरुणेश वाजपेयी, डॉ सरल कुमार, डॉ श्रुति दिलीरे, डॉ अभिषेक पाण्डेय, सुयश वाजपेयी, श्रवण कुमार मिश्र ‘राही’ श्रीओम पांडे, मुदित त्रिपाठी, गोविंद गुप्ता, सुदामा प्रसाद त्रिवेदी, सत्यम दीक्षित, दिलीप गुप्ता, रविकांत त्रिपाठी, मनोज मिश्र, हरिवंश सिंह, लक्ष्मीकांत मिश्र, रमेश चंद्र शुक्ल, वीरेश शुक्ल, सुरेश वाजपेयी सोनू गुप्ता, अनन्या, दीपाली, अनामिका, अन्नपूर्णा त्रिपाठी, रेखा गुप्ता, साधना मिश्र व अन्य लोग मौजूद रहे।

सुधांशु मिश्र

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