हरदोई के सुरसा मे श्री दुर्गा प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज पचकोहरा में चल रही श्रीमदभागवत कथा के चतुर्थ दिन की कथा में कथा व्यास श्री केसरी नंदन शास्त्री जी ने भगवान कृष्ण के पृथ्वी पर अवतार लेने का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब जब पृथ्वी पर अनाचार , अधर्म बढ़ता है तब तब प्रभु अवतार लेकर पापियों, दुष्टों एवं असुरों का संघार करने के साथ ही धर्म की रक्षा करते हुए धर्म की स्थापना करते हुए अपनी समस्त लीलाओं के द्वारा भक्तों का कल्याण करते हैं उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य के कुल 16 संस्कार होते हैं जिनमें पहला संस्कार गर्भधारण संस्कार होता है जो सबसे मुख्य संस्कार होता है क्योंकि इसी संस्कार के पश्चात जन्म लेने वाली संतान आसुरी या दैवीय प्रकृति की उत्पन्न होती है मातृ शक्ति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा प्रारंभ में लड़कियां पिता के बाद में पति के फिर पुत्र के तथा वृद्धावस्था में पौत्रों के सानिध्य में रहकर अपना सुखमय जीवन व्यतीत कर सकती हैं। उन्होंने कथा में ज्ञान की गंगा में प्रवेश कराते हुए कहा व्यक्ति को धन को भोग व दान के द्वारा कल्याण के मार्ग में लगाना सर्वोत्तम माना गया है।
कथा व्यास आचार्य श्री केसरी नंदन शुक्ल जी ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए भक्तिमय रस में सभी को सराबोर कर दिया। ‘ नंदघर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की ‘ धुन पर सभी भक्त भावविभोर होकर झूमने पर विवश हो गए। इस अवसर पर कथा आयोजक श्री राजू दीक्षित प्रबंधक श्री दुर्गा प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज के अलावा पंडित सर्वेंद्र मिश्र, शिवप्रकाश तिवारी, अवनीश द्विवेदी, राजकमल, सोमेंद्र सिंह, विनोद यादव, रामजनकी, सुमति मिश्र, सुधाकर तिवारी, शिवाजी सिंह, अशोक कुमार सिंह, इंद्रेश शुक्ल, सतेंद्र तिवारी, रामनबिहारी के अलावा भरी संख्या में सम्मानित क्षेत्रवासी भक्त उपस्थित रहे।