हरदोई। रामलीला के चौथे दिन वृंदावन धाम से पधारे हुए श्री गोविंद अग्रवाल जिला संस्थान इसके संचालक स्वामी कन्हैयालाल दत्ता के निर्देशन में नुमाइश मैदान हरदोई में रामलीला का मंचन किया गया।
महाराजा मनु और महारानी शतरूपा दोनों प्राणी अपने पुत्र को राज्य देकर कर तपस्या करने निकल जाते हैं वहां पर जाकर घनघोर तप करते हैं जिसे देखकर ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों ही देव वरदान देने के लिए जाते हैं,परंतु वह उन तीनो में से किसी देव से वरदान नहीं मांगते हैं तो यह देखकर एक आकाशवाणी हुई तो महाराजा मनु बोलते हैं कि जिस स्वरुप को भगवान भोलेनाथ सदैव दर्शन करते हैं उसके दर्शन हमें करने हैं। यह सुनकर भगवान राम और सीता के रूप में प्रकट हो जाते हैं और उनको वरदान देते हैं परंतु महाराजा मनु वरदान में उनके समान पुत्र मांगते हैं तो भगवान बोलते हैं कि मैं स्वयं ही आपका पुत्र बनकर आऊंगा जिस समय आप अयोध्या के महाराजा बनोगे। यह कहकर भगवान अददृश्य हो जाते हैं इधर एक महाराज भानु प्रताप हुए जो कि बड़े ही धर्मात्मा राजा थे एक दिन वह शिकार खेलते खेलते वन में पहुंच जाते हैं तो उनको वहां पर एक कपट मुनि नाम के संत मिलते हैं जो की भानु प्रताप से द्वेश भाव रखते थे। कपट मुनि ने राजा भानु प्रताप को अपने माया जाल में फंसा लिया और उसके राज्य में जाकर संत ब्राह्मणों के लिए मांस बनकर भोजन के लिए निमंत्रण दे दिया। जैसे ही ब्राह्मण खाने बैठे तो आकाश वाणी होती है कि इस भोजन में मांस मिला हुआ है इस आकाशवाणी को सुनकर ब्राह्मणों ने राजा भानु प्रताप को श्राप दे डाला कि तुम राक्षस हो जाओ वही भानु प्रताप जाकर रावण बनता है। यह लीला मंचन देखकर भक्त बड़े आनंदित हुए । संचालक रामप्रकाश शुक्ला,श्री कृष्ण अवतार दीक्षित (बाले) प्रमोद मिश्रा, पुनीत द्विवेदी, संजय शुक्ला, मुनेंद्र सिंह ,विनीत मिश्रा विकी आदी गणमान्य लोग उपस्थित रहे।