लखनऊ। बीजेपी में समय और जरूरत के मुताबिक चलने का चलन है।युवाओं में ही देश और समाज की दशा और दिशा बदलने की कूबत और जज्बा है,इसलिए बीजेपी युवा शक्ति पर फोकस कर रही है। युवा मतदाता ही निर्णायक भूमिका में होंगे। 2024 के पार्लियामेंट इलेक्शन में फतह खातिर रणनीति पर काम शुरु हो रहा है।
भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए युवा मतदाताओं को साधना चाहती है। 18 से 30 वर्ष की उम्र के मतदाताओं से सम्पर्क बढ़ाने की योजना है। भाजपाई जानते है, युवाओ के वोट के सहारे यूपी का मिशन 80 सफल हो सकता है।यूपी में 18 से 30 वर्ष के करीब तीन करोड़ मतदाता हैं।ये मतदाता दस सालों से मोदी शासन देख रहे हैं। मोदी शासन की उपलब्धियों को इस वर्ग ने देखा हैं। मोदी की गारंटी के नाम पर लोकसभा चुनाव के लिए इन्हें साधना आसान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, गरीब, महिला, किसान और नौजवान ही उनके लिए जाति है। इसलिए पार्टी की नौजवान प्राथमिकता है।भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता नए मतदाताओं के साथ सेल्फी लेकर नमो एप पर अपलोड करेंगे। इस आयु के मतदाताओं को विकसित भारत का एम्बेसडर बनाया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी का महिला मोर्चा भी विभिन्न शिक्षण संस्थानों में इस आयु वर्ग की महिला डॉक्टर, इंजीनियर व शिक्षकों आदि को जोड़ने के लिए अभियान चलाने जा रहा है। बीजेपी का आईटी सेल बहुत ही मजबूत है। सूत्रों की माने तो इस आयुवर्ग के मतदाताओं का पूरा डाटा पार्टी ने जुटा लिया है। आगामी दिनों में युवा मतदाताओं को साधने के लिए सम्मेलन व प्रतियोगिताएं कराने का विचार है। भारतीय जनता पार्टी के बूथ कार्यकर्ता इस वर्ग के बीच रहकर उन्हें निरन्तर पार्टी से जोड़ने का प्रयास करेंगे। मतदाता चेतना अभियान में बीजेपी की खासी रूचि इसी कड़ी का हिस्सा है।