पाली, हरदोई। पाली थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव इन दिनों गर्रा नदी में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित हैं। इन गांवों में जल भराव के कारण आना-जाना बेहद कठिन है। बाढ़ प्रभावित कहारकोला गांव से गुरुवार को राहुल राजपूत की बारात शाहाबाद क्षेत्र के काला गाढा गांव गई हुई, शादी संपन्न होने के बाद शुक्रवार को वह दुल्हन को लेकर पहुंचा तो नई नवेली दुल्हन का सबसे पहले सामना बाढ़ के पानी से हुआ। नाव के इंतजार में पाली-शाहाबाद मार्ग पर नई नवेली दुल्हन करीब 4 घंटे तक बैठी रही। आमतौर पर नई नवेली दुल्हन जब अपने ससुराल पहुंचती है तो ननद और भाभी आदि उनसे बतियाती हैं, इठलाती है पर यहां कहानी कुछ और ही है। यहां चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा है। बाढ ने सबकुछ फींका कर दिया। ग्रामीणों का मुख्य मार्गों और शहरी क्षेत्र से संपर्क टूट चुका है। बाढ के कारण दुल्हन 4 घंटे तक सड़क किनारे बबूल के पेड़ के नीचे बैठी रही, दूल्हा बने राहुल राजपूत के लगातार गांव में फोन करने के बावजूद नाव नहीं पहुंची। सुबह से नाव का इंतजार कर रहे दंपत्ति को लेने दोपहर को नाव पहुंची। राहुल और उसकी नई नवेली दुल्हन नाव पर सवार होकर काहारकोला गांव पहुंचे। इस दौरान राहुल ने बताया कि उनके गांव का कहारकोला और मजरा खजुराही की करीब 3000 आबादी है। बाढ के पानी से गांव चारो ओर से घिरा है। नाव ही एकमात्र आवागमन का जरिया है। प्रशासन द्वारा नव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, गांव के ही लोग दो नाव चला रहे हैं। जिस पर प्रशासनिक अधिकारी और नेता लोग निरीक्षण करने आते हैं वह सवार हो जाते हैं। ग्रामीणों को नाव मिलना बेहद मुश्किल है।
बाढ़ से घिरे कहारकोला गांव पहुंचना हुआ मुश्किल, 4 घंटे नाव के इंतजार में सडक पर बैठी रही नई नवेली दुल्हन, प्रशासनिक दावे खोखले
