लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अगली कैबिनेट बैठक अयोध्या में की जाएगी। इस बैठक में अयोध्या के विकास और सुंदरीकरण के प्रस्ताव रखे जाएंगे। इसकी अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है। लेकिन यह माना जा रहा है कि अयोध्या के दीपोत्सव के बाद कैबिनेट बैठक की जा सकती है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अयोध्या में होने वाली कैबिनेट बैठक के सियासी मायने भी तलाशे जाने लगे हैं। 29 जनवरी, 2019 को योगी 1.0 सरकार ने नया इतिहास रचते हुए प्रयागराज में कैबिनेट बैठक आयोजित की थी। ये बैठक संगम तट पर बसे टेंट सिटी में आयोजित हुई। गंगा-एक्सप्रेस वे के तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा हाईवे बनाने का फैसला लिया। इसके साथ ही प्रयागराज के विकास से जुड़ी कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई। सीएम योगी, तत्कालीन डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा सहित सभी मंत्रियों ने बैठक से पूर्व संगम में स्नान किया। गौरतलब है कि जब उत्तराखंड यूपी का हिस्सा था तब कई बार लखनऊ के बजाए कैबिनेट की बैठक नैनीताल में भी होती थी। साल2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रयागराज में कैबिनेट बैठक आयोजित करके योगी 1.0 सरकार ने नया इतिहास तो गढ़ा साथ ही उस साल होने वाले आम चुनाव को लेकर बड़ा सियासी संदेश भी दिया था। अब जब साल 2024 के आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं तब लखनऊ के बाहर कैबिनेट बैठक आयोजित करने का फैसला लिया गया है। अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन से पहले योगी सरकार तमाम गतिविधियों के जरिए माहौल सरगर्म रखना चाहती है। भव्य दीपोत्सव और फिर कैबिनेट बैठक की कवायद इसी की कड़ी मानी जा रही है।